नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पीएम केयर्स फंड को आयकर से छूट देने संबंधी आवेदन में लगे दस्तावेजों की प्रति सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उपलब्ध कराने के केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर इनकम टैक्स विभाग को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. 22 जनवरी को जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें इनकम टैक्स विभाग को पीएम केयर्स फंड को आयकर से छूट देने संबंधी आवेदन में लगे दस्तावेजों की प्रति सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उपलब्ध कराने को कहा गया था. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि इनकम टैक्स एक्ट पर आरटीआई कानून लागू नहीं किया जा सकता है. सिंगल बेंच के इसी आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई है.
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सिंगल बेंच ने कहा था कि आरटीआई एक्ट की धारा 22 इनकम टैक्स एक्ट की धारा 138(2) पर लागू नहीं होता है. सिंगल बेंच ने कहा था कि इनकम टैक्स के आकलन से संबंधित सूचना इनकम टैक्स आयुक्त या विभाग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल कमिश्नर के संतुष्ट होने पर ही दी जा सकती है. कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग को ये अधिकार नहीं है कि वो इनकम टैक्स कानून की धारा 138 के तहत सूचना मांग सके.
डिवीजन बेंच के समक्ष याचिका मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश मित्तल ने दायर की है. बता दें, पीएम केयर्स फंड को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80जी के तहत छूट मिली है. इस प्रावधान के तहत कोई करदाता 80जी की छूट मिले हुए संस्था को दान देने पर कर छूट का दावा कर सकता है. पीएम केयर्स फंड से संबंधित एक और ऐसे ही मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पीएम केयर्स फंड सरकारी फंड नहीं है. पीएमओ ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई के तहत सार्वजनिक प्राधिकार की परिभाषा में नहीं आता है.
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