अलीगढ़ः मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की विश्वविद्यालय खेल समिति 30 नवंबर से 7 दिसंबर 2024 तक प्रतिष्ठित नॉर्थ जोन इंटरवर्सिटी हॉकी टूर्नामेंट 2024 की मेजबानी कर रहा है. मैच एएमयू के सिंथेटिक टर्फ हॉकी ग्राउंड और ग्रास हॉकी ग्राउंड पर आयोजित किए जा रहे है. टूर्नामेंट में प्रमुख विश्वविद्यालयों की 36 टीमें शामिल हैं, जिन्हें चार पूलों में विभाजित किया गया है. टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हॉकी टीम के खिलाड़ी और कोच का कहना है कि हॉकी को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सुविधाओं को बढ़ना होगा. कोच और खिलाड़ियों ने कहा कि हॉकी राष्ट्रीय खेल होते हुए भी आखिर पीछे क्यों है.
पूल ए :गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर; स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ; 3 कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल; 4 कश्मीर विश्वविद्यालय, हजरतबल, श्रीनगर; चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ; 6 दिल्ली विश्वविद्यालय; पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़; 8 सीआरएस विश्वविद्यालय, जिंद; और कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र.
इंटरवर्सिटी हॉकी (पुरुष) टूर्नामेंट 2024 (Video Credit; ETV Bharat) पूल बी: गुरुकुल कांगड़ी (मानद विश्वविद्यालय), हरिद्वार, क्लस्टर विश्वविद्यालय, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, समर हिल्स, शिमला, राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़, इलाहाबाद विश्वविद्यालय.पूल सी: एमबीपीएसयू पटियाला, गलगोटिया विश्वविद्यालय, गौतमबुद्धनगर, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू, प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया), प्रयागराज, एएमयू, अलीगढ़, एमएए शाकुंभरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर इन्वर्टिस विश्वविद्यालय, बरेली, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरापुर, रेवाडी, सीएसजेएम कानपुर. एएमयू ग्राउंड में प्रैक्टिस करते खिलाड़ी. (Photo Credit; ETV Bharat) पूल डी: एमडीयू, रोहतक, चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी, सिरसा, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला, पंजाब एग्रीकल्चरल, लुधियाना, डाॅ. राममनोहर लोहिया, अयोध्या, चौधरी बंसी लाल, भिवानी, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, लखनऊ एथलेटिक्स एसोसिएशन (लखनऊ विश्वविद्यालय), लवली प्रोफेशनल, पघवारा.हॉकी खेल : दुनिया के सबसे पुराने खेलों में से एक हॉकी की शुरुआत संभवत: 1527 में स्कॉटलैंड से हुई थी। तब इसे अंग्रेज़ी में होकी के नाम से जाना जाता था। कुछ रिकॉर्ड्स बताते हैं कि इसी तरह का खेल उस समय मिस्र में भी खेला जाता था. मौजूदा समय की हॉकी की शुरुआत 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश द्वारा हुई थी. मैदानी हॉकी मैच की कुल अवधि 60 मिनट होती है. यह प्रत्येक 15 मिनट के चार क्वार्टर में खेला जाता है. इसमें एक गोलकीपर और 10 फील्ड खिलाड़ी होते हैं. बेंच पर पांच अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं.
हॉकी और एएमयू का कनेक्शनः 1928 से 1956 तक भारत ने ओल्मिपक खेलों में लगातार छः स्वर्ण पदक जीते. पद्मश्री व पूर्व भारतीय हॉकी टीम कप्तान जफर इकबाल कुल मिलाकर 10 वर्षों तक भारतीय हॉकी टीम के अभिन्न अंग बन कर रहे. कप्तानी भी किया. वे लेफ्ट आउट पोजिशन पर खेलते थे. 1983 में अर्जुन पुरस्कार और 2012 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किए गए. 1994 में यश भारती पुरस्कार एवं 2012 में ही गोल्डन ग्रेटस से सम्मानित हुए. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने D. Litt और अलीगढ़ नगर निगम का एक मार्ग भी हॉकी खिलाड़ी जफर इकबाल के नाम से नामित है.
जफर इकबाल का एएमयु से नाता:अलीगढ़ में वर्ष 1956 में जन्मे पद्मश्री जफर इकबाल के पिता स्व. प्रोफेसर मोहम्मद शहाबुद्दीन अहमद एएमयू के रसायन विभाग के शिक्षक व विभागाध्यक्ष रहे. जफर इकबाल ने मिंटो सर्किल एएमयू से स्कूली शिक्षा ली. इसके बाद उन्होंने एएमयू जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली. वर्ष 1980 में उन्होंने मास्को में ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए देश के लिए स्वर्ण पदक जीता. वर्ष 1984 में लॉस एंजिल्स, अमेरिका में ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में जफर इकबाल भारतीय टीम का तिरंगा लेकर सम्मान मिला. वह भारतीय हॉकी टीम के राष्ट्रीय प्रशिक्षक रहे. उनके प्रशिक्षण में भारतीय हॉकी टीम ने वर्ष 1980 में हिरोशिमा में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता.
एएमयू की धरती से दूसरा जफर इकबाल क्यों नहीं :एएमयू गेम्स कमेटी के खेल प्रशिक्षकों से सवाल पैदा होता है कि सभी सुविधाओं के बावजूद 1977 के बाद से कोई दूसरा जफर इकबाल क्यों नहीं पैदा हो रहा है? खेल प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए यूनिवर्सिटी के विभिन्न हालों के प्रोवोस्ट, वार्डन एवं शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि छात्रों को खेलने एवं व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें. एएमयू में खेल सुविधाओं का अभाव नहीं हैं. बस जरूरत है नए संकल्प के साथ खेल के लिए मेहनत करने की.
हॉकी इंडिया लीग (HIL):हॉकी इंडिया लीग भारत में एक पेशेवर फील्ड हॉकी लीग है. इसका आयोजन भारत में इस खेल की नियामक संस्था हॉकी इंडिया द्वारा किया जाता है. आईपीएल की तर्ज पर 26 दिसंबर से हॉकी इंडियन लीग (HIL) शुरू होने जा रहा है. इसके बारे में हॉकी के कोच और खिलाड़ियों का कहना है कि इससे हॉकी की जागरूकता होगी और हॉकी खेलने के लिए लोगों में दिलचस्पी पैदा होगी.
हॉकी के लिए सुविधाएं बढ़ाना जरूरीःएएमयू हॉकी क्लब के कोच अरशद ने बताया कि इसी महीने से शुरू होने वाली हॉकी इंडिया लीग (HIL) शुरू हो जाने से हॉकी के प्रति नौजवानों में जागरूकता पैदा होगी. लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी हॉकी (पुरुष) टीम के कोच का कहना है कि हॉकी खेलने के लिए सिंथेटिक टर्फ हॉकी ग्राउंड ज्यादा होना चाहिए जिसकी गिनती बहुत कम है और सरकार को हॉकी की सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए. गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी हरिद्वार के कोच दुष्यंत राणा का कहना है हॉकी का भविष्य ठीक है. लेकिन हमें स्कूल की सतह पर हॉकी शुरू करना होगा. स्कूल और कॉलेज में छात्राओं को हॉकी खेलना सीखना होगा ताकि वह एक अच्छे खिलाड़ी बन सके. किसी भी चीज को प्रमोट करने के लिए सबसे बड़ा योगदान मीडिया का होता है. अगर मीडिया हॉकी के ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट को दिखाता है तो कहीं ना कहीं उस नौजवानों में हॉकी के प्रति जागरूकता पैदा होती है.
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