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नोएडा: करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़ा में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार - DELHI BUSINESSMAN ARRESTED

नोएडा पुलिस ने बुधवार को दिल्ली के तीन कारोबारी को जीएसटी फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने 6 लग्जरी कार, तीन आईफोन, चार अन्य मोबाइल, एक टैबलेट आदि बरामद किए हैं.

जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार
जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 1, 2024, 7:44 PM IST

जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा:जीएसटी फर्जीवाड़ा मामले में सेक्टर-20 पुलिस ने बुधवार को दिल्ली के तीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया. तीनों पर नोएडा पुलिस ने 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. बीते नौ माह से सभी आरोपी फरार चल रहे थे. इस मामले में पुलिस गिरोह के सरगना समेत 41 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपियों से बरामद एक कार फिल्म अभिनेता से खरीदी हुई है.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते साल एक आरोपी की जीएसटी मामले में गिरफ्तारी हुई थी. उसने पूछताछ के दौरान बताया था कि पंजाबी बाग का एक परिवार बीते पांच सालों से फर्जी तरीके से आईटीसी लेकर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा है. जांच के दौरान इस बात के पुख्ता सबूत मिले. आरोपी संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा ने नौ सेल कंपनियों से 68.15 करोड़ का लाभ फर्जी तरीके से प्राप्त किया. इसके बाद तीनों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई.

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई:पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने आईटीसी क्लेम नौ फर्जी कंपनियों के आधार पर प्राप्त किया था. तीनों ने फर्जी कंपनियों से गुड हेल्थ प्राईवेट लिमिटेड कंपनी में कुल 68.15 करोड़ का आईटीसी का लाभ प्राप्त किया है. तीनों के खिलाफ सीबीआई, ईडी द्वारा भी जांच कर कार्रवाई की जा चुकी है. आरोपी संजय ढींगरा को डीजीजीआई मेरठ गाजियाबद द्वारा जेल भेजा गया था.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके पास से मेड इन इटली की जो कार बरामद हुई है, उसे उन्होंने एक फिल्म अभिनेता से खरीदा था. पुलिस से बचने के लिए आरोपी अलग-अलग लग्जरी गाड़ियों से सफर करते थे और लगातार होटल और लोकेशन बदलते रहते थे. हाल ही में आरोपियों ने प्रापर्टी डीलिंग और रियल इस्टेट का कारोबार भी प्रारंभ किया है. प्लाटिंग के लिए करनाल में तीनों ने करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी है. आरोपियों का छतरपुर में तीन फॉर्महाउस भी है.

कई अन्य निशाने पर:जीएसटी फर्जीवाड़े में कई अन्य कारोबारियों का नाम भी शामिल है. संजय, कनिका और मयंक ने कारोबार की आड़ में कई फर्जी कंपनियां बनाई और अवैध तरीके से आईटीसी लिया. पुलिस ने बीते साल जून में 2600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था.

इस मामले में गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव ,राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार ,महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग, कुणाल सहित 41 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. खास बात है कि अब तक किसी भी आरोपी को भी जमानत नहीं मिली है. नोएडा पुलिस की मजबूती पैरवी के कारण आरोपी लंबे समय से सलाखों के पीछे ही हैं. अन्य फरार आरोपियों की तलाश में नोएडा पुलिस की तीन टीमें कई संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं.

ऐसे करते थे ठगी:आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल करने के बाद फर्जी कंपनी और फर्म खोलने थे. इस कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व महज कागजों पर होता था. इसके बाद आरोपी जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाते थे.

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