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पलवल जिला परिषद चेयरपर्सन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी गई, अविश्वास प्रस्ताव पास - NO CONFIDENCE MOTION

पलवल जिला परिषद चेयरपर्सन और वाइस चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है. इस तरह दोनों पदमुक्त हो गए.

NO CONFIDENCE MOTION
पलवल जिला परिषद अविश्वास प्रस्ताव (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 13, 2025, 5:08 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 5:18 PM IST

पलवल: पलवल जिला परिषद चेयरपर्सन आरती रावत और वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव में 20 में से 16 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर दोनों को पदमुक्त कर दिया. लघु सचिवालय में जिला उपायुक्त के समक्ष हुए मतदान के दौरान खुद आरती रावत नदारद रही, जबकि वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह वोटिंग के दौरान मौजूद रहे. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों का कहना है कि चेयरपर्सन ने किसी भी वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं किया और उनका रवैया हमेशा तानाशाही पूर्ण रहा.

30 दिसंबर को नहीं हुई वोटिंग : प्रदेश में जैसे ही भाजपा की नई सरकार बनी है, वैसे ही कई जिलों में जिला परिषद के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो रहे हैं. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाये जा रहे हैं. वैसा ही हाल अब पलवल जिला परिषद का हो गया है. 7 दिसंबर को पलवल जिला परिषद के कुल 20 पार्षदों में से 16 पार्षदों ने जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर जिला परिषद चेयरपर्सन आरती रावत और वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था, जिस पर जिला उपायुक्त ने 30 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने की तिथि निश्चित की थी, लेकिन उस दिन जिला उपायुक्त हरीश कुमार स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने कार्यालय से अनुपस्थित रहे.

पलवल जिला परिषद अविश्वास प्रस्ताव (Etv Bharat)

पार्षदों ने अदालत में जाने की दी थी धमकी : इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने नाराजगी व्यक्त की थी और अदालत में जाने की भी चेतावनी दी थी. इस बीच जिला उपायुक्त ने मतदान की तिथि 13 जनवरी दोबारा निश्चित की. उसी के आधार पर आज मतदान हुआ. इसके चलते अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सभी 16 पार्षद रात के समय लघु सचिवालय पहुंचे जबकि खुद चेयरपर्सन आरती रावत अपने दो अन्य समर्थकों के साथ इस प्रक्रिया से नदारद रही. जबकि वाइस चेयरमैन इस दौरान मौजूद थे.

चेयरपर्सन ने नहीं कराए विकास कार्य : अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने कहा कि हमारे किसी भी वार्ड में चेयरमैन द्वारा कोई विकास कार्य नहीं कराए गए. जब उनसे इस बारे में कहा जाता था तो उनका तानाशाही रवैया देखने को मिलता. इस कारण उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा.

परिणाम चुनाव आयोग को कराएंगे अवगत : वहीं जिला उपायुक्त हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि आज की इस मतदान प्रक्रिया में कुल 17 पार्षदों ने हिस्सा लिया, जिसमें चेयरमैन पद के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 16 पार्षदों ने मतदान किया, जबकि एक मत कैंसिल हो गया. वहीं, वाइस चेयरमैन के खिलाफ 16 मत डाले गए, जबकि एक मत उनके पक्ष में रहा. जिला उपायुक्त ने कहा कि आज की चुनाव प्रक्रिया के बारे में चुनाव आयोग को लिखित रूप से अवगत करा दिया जाएगा और जो भी आगामी दिशा निर्देश आयेंगे, उनके आधार पर आगे की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी.

आरती रावत के पति भाजपा नेता : बता दें कि जिला परिषद चेयरपर्सन आरती रावत के पति मनोज रावत भाजपा के नेता हैं. उन्होंने हाल ही के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर हथीन से चुनाव भी लड़ा था. वो केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के काफी करीबी माने जाते है.

इस रिपोर्ट में जानिए हाल ही में हरियाणा में अविश्वास प्रस्ताव से किनकी कुर्सी बची तो किनकी कुर्सी गई. नीचे लिंक पर क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर.

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Last Updated : Jan 13, 2025, 5:18 PM IST

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