रांची: चुनावी माहौल के बीच देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज रांची पहुंचीं और झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित सार्थक संवाद कार्यक्रम में भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर बोलीं. उन्होंने कहा कि एक जंगल राज संयुक्त बिहार में था. फिर बिहार से अलग होकर बने झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद दूसरा जंगलराज शुरु हो गया.
उनके संबोधन के दौरान कई बार तालियां बजीं. इसी बीच एक ऐसी तस्वीर वायरल हुई, जिसने उनके झारखंड दौरे के मकसद पर ही पानी फेर दिया. इस चर्चा की वजह हैं लैंड स्कैम के आरोपी और जमानत पर रिहा कारोबारी विष्णु अग्रवाल. तस्वीर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फूलों का गुलदस्ता देते नजर आ रहे हैं विष्णु अग्रवाल. इस तस्वीर में झारखंड भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी दिख रहे हैं.
सोशल मीडिया पर तस्वीर जारी कर झामुमो ने उठाए सवाल
अब झामुमो ने इस तस्वीर को 'एक्स' पर जारी कर चुटली ली है. झामुमो की ओर से लिखा गया है कि हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या? झारखंड की जनता सब विष्णु-बाबू लीला देख और समझ रही है. विष्णु-बाबू लीला का मतलब है विष्णु अग्रवाल और बाबूलाल मरांडी का कनेक्शन. अब झारखंड मुक्ति मोर्चा की अलग-अलग इकाईयां इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर जारी कर सवालों के तीर दाग रही हैं. किसी ने तस्वीर के साथ लिखा है- मोदी जी के टेम्पो में सवार होने के लिए जाते यात्री. किसी ने लिखा है कि अब हमलोग कुछ बोलेंगे तो विवाद हो जाएगा. झामुमो के इस पोस्ट पर आरोप-प्रत्यारोप से जुड़े खूब कमेंट्स आ रहे हैं.
तस्वीर पर भाजपा ने दी सफाई
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फूलों का गुलदस्ता देते लैंड स्कैम के आरोपी विष्णु अग्रवाल की तस्वीर वायरल होने पर ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश भाजपा के नेताओं से संपर्क किया. प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने खुले तौर पर कहा कि वह कार्यक्रम झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज से जुड़ा था. उस कार्यक्रम से भाजपा का कोई ताल्लुक नहीं है. सभी जानते हैं कि विष्णु अग्रवाल एक कारोबारी हैं. संभव है कि उन्हें चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से ही आमंत्रित किया गया हो. फिर भी इसपर राजनीति की जा रही है. लिहाजा, चैंबर ऑफ कॉमर्स से पूछा जाएगा कि आखिर वैसे व्यक्ति को क्यों आमंत्रित किया गया. क्योंकि इसकी वजह से भाजपा पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
विष्णु अग्रवाल की तस्वीर पर क्यों छिड़ी बहस
इसका जवाब जानने के लिए यह समझना जरुरी है कि आखिर विष्णु अग्रवाल हैं कौन? अगर एक कारोबारी हैं तो फिर देश की वित्त मंत्री से उनकी मुलाकात पर इतना हाय तौबा क्यों मचा है. इसकी वजह है उनपर लगे आरोप. दरअसल, यह वही विष्णु अग्रवाल हैं जिन्हें ईडी ने रांची के चेशायर होम रोड और सिरमटोली में सेना की जमीन को फर्जी कागजात के बल पर खरीदने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. कई माह बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. विष्णु अग्रवाल का नाम झारखंड के चर्चित कारोबारियों में शुमार है. वह रांची में बने न्यूक्लियस मॉल के मालिक हैं. रांची में रियल स्टेट के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
विष्णु अग्रवाल की वजह से उपजे विवाद के बीच एक सवाल तो बनता ही है कि तस्वीर में बाबूलाल मरांडी क्यों नजर आ रहे हैं. वह तो विष्णु अग्रवाल पर लगे आरोपों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. फिर उन्होंने विष्णु अग्रवाल को वित्त मंत्री से मुलाकात पर आपत्ति क्यों नहीं जतायी?
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