उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उद्गम स्थल से ही प्रदूषित हो रही है गंगा, NGT का उत्तराखंड की मुख्य सचिव को जांच का निर्देश, ये है पूरा मामला

उद्गम स्थल पर ही गंगा स्वच्छ नहीं हो पा रही है. गंगोत्री में सीवर जनित फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक से अधिक पाई गई.

National Green Tribunal
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 11, 2024, 4:17 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में गंगा के उद्गम स्थल पर भी प्रदूषण होने को लेकर NGT (National green tribunal) ने नाराजगी जाहिर की है. खास बात यह है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने इस मामले में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी संस्था इस पर अपना पक्ष एनजीटी में रख चुकी है, लेकिन इससे असंतुष्ट NGT ने अधिकारियों को इस संदर्भ में अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता को लेकर लंबे समय से महत्वाकांक्षी योजना को चलाया जा रहा है. लेकिन हैरत की बात यह है कि गंगा के उद्गम स्थल पर ही गंगा स्वच्छ नहीं हो पा रही है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में गंगा की सफाई से जुड़े एक मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की गई और गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री में सीवर जनित फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक से अधिक मिलने पर भी नाराजगी व्यक्त की. एनजीटी ने इस संदर्भ में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी मौजूदा स्थिति को लेकर जांच करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि गंगा और उसकी सहायक नदियों के लिए नमामि गंगे योजना के तहत विभिन्न कार्य करवाए जा रहे हैं. एसटीपी प्लांट के जरिए भी पानी की स्वच्छता पर काम किया जा रहा है. इसके बावजूद रिपोर्ट में पाया गया कि गंगोत्री में एक मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में फीकल कोलीफार्म तय मानक से अधिक पाया गया. ये मात्रा नमूनों में 540/100 मिलीलीटर MPN (मोस्ट प्रोबेबल नंबर) पाई गई. एनजीटी की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि राज्य में 53 में से 50 STP काम कर रहे हैं, जबकि राज्य में 63 नालों को टैप ही नहीं किया गया है. इसके चलते गंदा पानी नदियों में जा रहा है.

मामले में एनजीटी ने अगली तारीख 13 फरवरी दी है. इसके अलावा एनजीटी ने मुख्य सचिव को राज्य सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे में मौजूद तथ्यों की भी जांच के लिए कहा है. इस दौरान कई तथ्य ऐसे थे, जिन पर असंतोष भी व्यक्त किया गया है. ऐसे में अब शासन को फिर से इस पर अपना जवाब देना होगा.

पढ़ें--

ABOUT THE AUTHOR

...view details