देहरादून: उत्तराखंड में गंगा के उद्गम स्थल पर भी प्रदूषण होने को लेकर NGT (National green tribunal) ने नाराजगी जाहिर की है. खास बात यह है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने इस मामले में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी संस्था इस पर अपना पक्ष एनजीटी में रख चुकी है, लेकिन इससे असंतुष्ट NGT ने अधिकारियों को इस संदर्भ में अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.
गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता को लेकर लंबे समय से महत्वाकांक्षी योजना को चलाया जा रहा है. लेकिन हैरत की बात यह है कि गंगा के उद्गम स्थल पर ही गंगा स्वच्छ नहीं हो पा रही है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में गंगा की सफाई से जुड़े एक मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की गई और गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री में सीवर जनित फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक से अधिक मिलने पर भी नाराजगी व्यक्त की. एनजीटी ने इस संदर्भ में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी मौजूदा स्थिति को लेकर जांच करने के निर्देश दिए हैं.