वाराणसी: साल 2024 खत्म होने वाला है और 2025 को लेकर हर कोई आशान्वित है. आशा यह की जा रही है. नया साल नहीं खुशियां, तरक्की और नई सोच के साथ आएगा. नए साल पर ग्रहों की बदली हुई चाल से कई लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. साथ ही कई लोगों पर संकट भी आने वाला है.
इसकी बड़ी वजह यह है कि न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव कई राशियों को छोड़कर दूसरी राशियों पर संचरण करने जा रहे हैं. जिसकी वजह से कई राशियों की साढ़ेसाती और कई की अढैया खत्म होने वाली है लेकिन, कई पर शनि की दृष्टि के साथ साढ़े साती और अढैया की शुरुआत होगी. इतना ही नहीं राहु-केतु और गुरु भी राशि परिवर्तन करेंगे, जिसका असर कुछ राशियों पर पड़ेगा.
नए साल में होने वाले राशि परिवर्तन के बारे में बताते ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी. (Video Credit; ETV Bharat) राशि परिवर्तन पर ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 2025 का साल बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है. क्योंकि, इस साल शनि, गुरु, राहु और केतु का राशि परिवर्तन करने जा रहा है. 9 मई को शनि का राशि परिवर्तन होगा. इस दिन शनि देव का संरक्षण कुंभ राशि से मीन राशि से होते ही मकर राशि वाले शनि की साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे, जबकि मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी.
इस वर्ष कुंभ, मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी, जबकि 9 मई से शनि का संरक्षण जैसे ही कुंभ से मीन पर होगा, कर्क राशि और वृश्चिक राशि वालों को शनि की अढैया से मुक्ति मिल जाएगी. वहीं 9 मई के बाद कर्क राशि से सिंह राशि पर शनि की अढैया शुरू हो जाएगी, जबकि वृश्चिक राशि से धनु राशि वालों पर अढैया की शुरुआत होगी.
शनि के राशि परिवर्तन से बढ़ेंगी मुश्किलें
- मेष राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी.
- कुम्भ राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी.
- मीन राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी.
- सिंह राशि पर शनि की अढैया शुरू होगी.
- धनु राशि पर शनि की अढैया शुरू होगी.
शनि के प्रभाव से मुक्त होंगे ये राशि वाले
- मकर राशि से खत्म होगी शनि की साढ़ेसाती.
- वृश्चिक और कर्क राशि से खत्म होगी शनि की अढैया.
शनि के प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें:जिन राशियों पर शनि की दृष्टि पड़ने जा रही है, उन राशि के लोगों को अपनी मिडिल फिंगर में घोड़े की नाल से बनी हुई लोहे की अंगूठी धारण करनी चाहिए. इसके अलावा हनुमान चालीसा और हनुमानाष्टक का पाठ करने के साथ ही हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे या हनुमान मंदिर या शनि मंदिर के बाहर सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए. इसके अतिरिक्त भगवान शनि देव को तेल अर्पित करना चाहिए और शनि का दान जिसमें काला तेल काले वस्त्र और कुछ पैसे किसी गरीब या शनि मंदिर में करना चाहिए.
पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि शनि के अलावा बृहस्पति भी राशि परिवर्तन कर रहा है. 15 मई से बृहस्पति अतिचार होगा. अतिचार का मतलब अपनी गति से और भी तेज चलेगा, क्योंकि इस वर्ष बृहस्पति पूर्वार्ध में वृषभ राशि पर, मध्याह्न में मिथुन राशि पर और उसके बाद उत्तरार्ध में कर्क राशि पर होगा. एक वर्ष में बृहस्पति तीन राशियों में संचरण करेंगे. क्योंकि कर्क राशि के इर्द-गिर्द ही बृहस्पति का संचरण होता रहेगा.
इसलिए सावधान रहना होगा और कर्क राशि से जुड़े लोगों को बहुत बचकर रहना होगा. क्योंकि, बृहस्पति जब अपनी गति से भी तेज गति से चलता है तो बहुत नुकसान पहुंचता है. बृहस्पति का राशि परिवर्तन वृषभ राशि वालों को लाभ देगा, जबकि मिथुन राशि वालों के लिए संतान पाने के सुख को पूरा करने के साथ सुख समाचार देने वाला होगा. सिंह राशि के लोगों को भी बृहस्पति लाभ पहुंचाएगा. कर्क राशि के जातकों को परेशानी से बचने के लिए बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की आराधना करने के साथ ही तेरे के पेड़ में हल्दी चने की दाल थोड़ा सा गुण अर्पित करने के साथ उसमें जल देना होगा.
राहु-केतु का राशि परिवर्तन क्या असर डालेगा:राहु और केतु भी राशि परिवर्तन करेंगे, जिसका प्रभाव भी तीन राशियों पर पड़ेगा. 18 महीने में राहु-केतु राशि परिवर्तन करते हैं. 2025 में राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, जबकि केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेगा. राहु-केतु का राशि परिवर्तन 18 मई को होगा. इससे मिथुन राशि वाले जातकों को व्यापार में लाभ होगा, नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन हो सकता है.
कार्यक्षेत्र में बड़े अफसर का साथ में मिलेगा. वहीं धनु राशि वाले लोगों को राहु-केतु का यह परिवर्तन बेहतर नतीजा देगा और मानसिक और शारीरिक स्थिति में सुधार होने के साथी धार्मिक कार्यों में रुचि भी बढ़ेगी. मकर राशि के जातकों को राशि परिवर्तन का यह मौका नहीं अवसर देगा और धन प्राप्ति के योग मिलने के साथ ही नौकरी पैसा लोगों को पदोन्नति का मौका मिलेगा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
पीएम मोदी भी शनि की अढैया से होंगे मुक्त:कर्क और वृश्चिक राशि शनि के प्रकोप से छूटने जा रही हैं. कर्क और वृश्चिक राशि शनि की अढैया से पीड़ित थी, इसका सबसे बड़ा लाभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतवर्ष को भी मिलने जा रहा. क्योंकि, भारत की राशि कर्क है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि वृश्चिक है. इन दोनों राशियों पर शनि की अढैया चल रही थी.
पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि यह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि, शनि के प्रकोप की वजह से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में नुकसान हुआ था, लेकिन अब ढाई साल बाद इनका यह दौर खत्म हो रहा है. इसलिए यह वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतवर्ष के लिए उत्थान वाला है.
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