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विधायक फतेह बहादुर को हत्या का डर; BJP कार्यकर्ता बोला- मैंने सपा प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया तो लगवा रहे फर्जी केस - BJP MLA Fateh Bahadur

जिलाधिकारी और एसएसपी ने अपना बयान जारी करते हुए साफ तौर पर कहा कि विधायक की शिकायत को पूरी गंभीरता से लेते हुए जांच कई एजेंसियों के माध्यम से कराई गई है. कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई है. विधायक को Y श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है. ऐसे में उनकी जान माल को कोई खतरा नहीं है.

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भाजपा नेता आपस में एक दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे हैं. (Photo Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 10:14 AM IST

गोरखपुर: अपनी हत्या किए जाने का डर जताकर गोरखपुर जिला प्रशासन और पुलिस को कटघरे में खड़ा करने वाले, कम्पियरगंज विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के बेटे फतेह बहादुर सिंह अब अपनी ही कहानी में उलझ गए हैं.

गुरुवार से अपने बयान को सार्वजनिक करने वाले फतेह बहादुर सिंह ने जब हत्या की साजिश रचे जाने के मामले में गोरखपुर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला उठा रहे थे. साजिशकर्ताओं को बचाने का प्रशासन पर आरोप लगा रहे थे.

भाजपा नेताओं और पुलिस प्रशासन की बात. (Video Credit; Etv Bharat)

एसएसपी ने कहा, विधायक की जान को कोई खतरा नहीं:इसको लेकर देर रात जिलाधिकारी और एसएसपी ने अपना बयान जारी करते हुए साफ तौर पर कहा कि विधायक की शिकायत को पूरी गंभीरता से लेते हुए जांच कई एजेंसियों के माध्यम से कराई गई है. कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई है. विधायक को Y श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है. ऐसे में उनकी जान माल को कोई खतरा नहीं है.

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा है कि विधायक की सुरक्षा की समीक्षा भी की जाती है. उनके शिकायती पत्र को पूरी गंभीरता से लिया गया है. जिस राजीव रंजन चौधरी को वह अपनी हत्या का साजिशकर्ता बता रहे हैं, वह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता है और उसकी माता सरोज देवी, कम्पियरगंज क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य हैं. प्रशासन के स्तर पर कोई लापरवाही जांच में नहीं की जा रही. STF, SOG सभी टीम जांच में जुटी हैं.

भाजपा विधायका सपा प्रत्याशी को जितवाना चाहते थे:वहीं विधायक की हत्या की साजिश रचे जाने के आरोपों से घिरे राजीव रंजन चौधरी ने भी अपना वीडियो जारी करके विधायक फतेह बहादुर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. राजीव रंजन ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान विधायक चाहते थे कि वह और उनकी माताजी समेत उनकी पूरी टीम समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद के पक्ष में मतदान करावाएं. उन्हें जिताने में मदद करें.

लेकिन, ऐसा उन लोगों ने नहीं किया. इसलिए अब उनके खिलाफ विधायक फर्जी मुकदमे लगवा रहे हैं. हत्या की साजिश जैसे आरोप लगा रहे हैं. जबकि यह सभी जानते हैं कि कम्पियरगंज क्षेत्र में विधायक फतेह बहादुर ही हजारों लोगों पर फर्जी मुकदमे अब तक लगवा चुके हैं.

भाजपा नेता ने सीएम योगी से लगाई गुहार:भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ की सरकार में उनकी मनमानी नहीं चल पा रही है. फर्जी मुकदमे वह अपने विरोधियों पर नहीं लगवा पा रहे हैं, जिससे वह परेशान हैं. राजीव रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने और अपने परिवार के जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है.

उसने कहा है कि विधायक फतेह बहादुर सिंह उनके परिवार और उसकी हत्या करा सकते हैं, तो वहीं राजीव रंजन की माता जिला पंचायत सदस्य सरोज देवी ने भी मुख्यमंत्री से जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है. कहा है कि विधायक उनके बेटे और परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसा रहे हैं. उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.

भाजपा विधायक पुलिस और सरकार को कर रहे थे कटघरे में खड़ा:हत्या की कथित सुपारी और जिन सूत्रों की सूचना पर पूर्व मंत्री और कंपियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह गुरुवार को दिन भर चर्चा में थे, शाम होने के साथ सूत्र का रहस्य छंटा तो विधायक खुद ही साजिश में फंसते नजर आने लगे. फतेह बहादुर सिंह अपनी हत्या कराए जाने की आशंका पर तथाकथित आरोपी का नाम लिए बिना पुलिस और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे थे. विधायक का बयान चर्चाओं में छाने लगा.

पुलिस ने आरोपी का नाम किया उजागर:चूंकि आरोप सीधा पुलिस के इकबाल पर था, लिहाजा देर शाम एसएसपी ने अपने छोर की बातों को स्पष्ट कर दिया. विधायक जिसका नाम गुप्त रखकर बयान दे रहे थे, अब पुलिस ने न केवल उसका नाम जाहिर कर दिया है, बल्कि सिलसिलेवार जुड़ रही कड़ी से विधायक द्वारा बनाया गया रुई का पहाड़ दरकने लगा है.

पुलिस को कुछ दिन पूर्व दिए गए प्रार्थनापत्र में फतेह बहादुर सिंह ने लिखा था कि उन्हें सूत्रों से जानकारी हुई है कि राजीव रंजन चौधरी द्वारा उनकी हत्या कराने के लिये कई लोगों से चंदा इकट्ठा कराकर उनके ऊपर हमला कराने की साजिश की जा रही है.

बकौल एसएसपी, इस प्रार्थनापत्र के प्राप्त होने के बाद तत्काल जांच पुलिस अधीक्षक उत्तरी गोरखपुर के निर्देशन में एसओजी, स्वॉट व सर्विलांस टीम को सौंपी गयी।जिसमें उनके द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर पूछताछ व सर्विलांस के माध्यम से तथ्यों की जानकारी की कार्रवाई उसी दिन से चल रही है.

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