रायपुर: सरकार की ओर से लागू किए गए नये दुकान और स्थापना अधिनियम का व्यापारिक जगत और नागरिकों का व्यापक समर्थन मिल रहा है. लोगों का कहना है कि इस ऐतिहासिक फैसले से रोजगार के मौके बढ़ेंगे और व्यापारिक कामों में भी तेजी आएगी. इसके साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति में भी मजबूती आएगी. खासतौर पर दुकानों को बिना समय सीमा के संचालित करने की अनुमति मिलने से कारोबारियों के लिए व्यापार आसान हो जाएगा. उपभोक्ताओं को भी बेहतर सुविधाएं बाजार में उपलब्ध मिलेंगी. आपको बता दें कि नये दुकान और स्थापना अधिनियम शराब दुकानों पर लागू नहीं होगा.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मिलेगा बढ़ावा:सरकार का यह निर्णय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा. नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत, पंजीयन प्रक्रिया में सरलता और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित होगा.पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या (LIN) हासिल करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा. यदि 6 महीने के बाद आवेदन किया जाता है तो नियमानुसार शुल्क अनिवार्य देना होगा.
सातों दिन 24 घंटे दुकान संचालन की स्वतंत्रता: नए अधिनियम के तहत व्यापारी अपनी दुकानें सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खोलने के लिए स्वतंत्र होंगे. हालांकि, यह निर्णय पूरी तरह से व्यापारियों की इच्छा पर निर्भर करेगा. नई पहल से आर्थिक जगत को मजबूती मिलेगी. रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. सरकार की आय बढ़ेगी तो विकास के कामों में खर्च भी ज्यादा किया जा सकेगा.
न्यू शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से छत्तीसगढ़ में आर्थिक सशक्तिकरण को मिलेगी नई दिशा - NEW SHOPS AND ESTABLISHMENT ACT
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और रोजगार को इससे बढ़ावा मिलेगा. राज्य की आमदनी में इजाफा होगा.
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Feb 20, 2025, 8:30 PM IST
क्या थी पुरानी व्यवस्था: पुरानी व्यवस्था के अनुसार सप्ताह में एक दिन दुकान बंद रखना अनिवार्य था. नए नियमों के बाद यह प्रतिबंध हटा दिया गया है. हालांकि, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए और किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जाए.
श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा प्राथमिकता: सरकार ने व्यापारिक स्वतंत्रता देने के साथ ही श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा है. दुकानदारों को श्रम कल्याण से संबंधित सभी प्रावधानों का पूर्ववत पालन अनिवार्य रूप से करना होगा. साप्ताहिक अवकाश का प्रावधान अनिवार्य होगा, किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकेगा और श्रम कल्याण का ध्यान रखा जाएगा.
आर्थिक सशक्तिकरण:यह अधिनियम राज्य की आर्थिक गतिविधियों को नए आयाम देने के साथ साथ व्यापारियों को अधिकतम स्वतंत्रता और सुविधा प्रदान करता है. इसके प्रभावी व्यवस्था से न केवल छत्तीसगढ़ में व्यापारिक गतिशीलता बढ़ेगी बल्कि राज्य के राजस्व में भी इजाफा होगा. छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल व्यापार और उद्योग के लिए एक बड़ा सुधार है बल्कि एक मजबूत और समावेशी आर्थिक प्रणाली की नींव भी रखता है.