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रिटायरमेंट के बाद नौकरी पाने वाले क्लास वन व क्लास टू अफसर कहलायेंगे वर्क सुपरवाइजर, अंतिम मूल वेतन का मिलेगा 50 फीसदी मानदेय - New rules of Reappointment

New rules of Reappointment: कांग्रेस सरकार ने रिटायर होने के बाद फिर से नौकरी पाने वालों के लिए पदनाम व मानदेय का निर्धारण किया है.इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए हैं. डिटेल में पढ़ें खबर...

New rules of Reappointment
सुक्खू सरकार ने पुनर्नियुक्ति को लेकर बनाए नए नियम (सोशल मीडिया)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 9:23 PM IST

शिमला:सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने रिटायर होने के बाद फिर से नौकरी पाने वालों के लिए पदनाम व मानदेय का निर्धारण किया है. इस बारे में जारी आदेश के अनुसार सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी क्षेत्र में दोबारा नौकरी करने वाले क्लास वन व क्लास टू अफसर वर्क सुपरवाइजर के पदनाम से जाने जाएंगे.

पुनर्नियुक्ति के नए नियम (ETV Bharat)
पुनर्नियुक्ति के नए नियम (ETV Bharat)

उन्हें अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी मानदेय मिलेगा. इस बारे में हिमाचल सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं. वहीं, क्लास फोर यानी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रिटायर होने के बाद यदि सरकारी नौकरी में लिया जाएगा तो उसका पदनाम मल्टी टास्क वर्कर होगा. उस कर्मचारी को अंतिम मूल वेतन का 40 प्रतिशत मिलेगा. ऐसी नियुक्तियां एक साल की अवधि के लिए होंगी.

वित्त विभाग की तरफ से जारी आदेश में दर्ज है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों यानी क्लास थ्री कर्मचारियों की पुन: नियुक्ति पाने की स्थिति में उसे ऑफिस असिस्टेंट पदनाम के साथ अंतिम मूल वेतन का 40 फीसदी ही मिलेगा. अलबत्ता इंजीनियरों, डॉक्टरों व आईएएस जैसी विशेषज्ञ सेवाओं वाले अधिकारियों अथवा टेक्नोक्रेट को विशेषज्ञ कंसल्टेंट के साथ अंतिम मूल वेतन का 50 फीसद मानदेय मिलेगा.

वित्त विभाग के आदेशों के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद पुन: नियुक्ति एक साल के लिए होगी. इन्हें खाली पदों पर नियुक्ति दी जाएगी. प्रत्येक पुन: नियुक्ति से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी. इन कर्मचारियों अथवा अधिकारियों को आउटसोर्स की तर्ज पर ही टीए, डीए के अलावा अन्य सुविधाएं मिलेंगी. सेवानिवृत्ति के समय सरकारी आवास में रह रहे अधिकारी व कर्मचारियों को इस सुविधा को पुन: नियिुक्ति के दौरान रखने की सुविधा होगी. वहीं, एक शर्त भी जोड़ी गयी है, जिसके अनुसार यदि सरकार चाहे तो एक साल से पहले भी पुनर्नियुक्ति के आदेशों को रद्द कर सकती है.

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