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आंखों से हट जाएगा नंबर का चश्मा, बस एक छोटी सी सर्जरी में हो जाएगा काम - काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) के ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल अस्पताल में नई मशीनें लगाई जा रही हैं. दिल और फेफड़ों के मरीजों इलाज के साथ ही बर्न वार्ड के लिए हाईपरबेरिक ऑक्सीजन चेंबर, एनआईसीयू वार्ड में बच्चों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 3:42 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के रेडियोलॉजी विभाग में अब एक्स-रे के लिए मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. इस विभाग में अब नई डिजिटल एक्स-रे मशीन आ गई है. इस मशीन में न तो प्लेट लगाने की झंझट होगी और न ही मरीज को रिपोर्ट के लिए देर तक इंतजार करना होगा.

मशीन के लगाए जाने के बाद सर सुंदरलाल अस्पताल में मरीजों की एक्स-रे के लिए वेटिंग को कम किया जा सकेगा. यह मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है. एक ही क्लिक में रिपोर्ट मिल जाएगी. इससे मरीजों के इंतजार कम करना पड़ेगा. वहीं आंखों की सर्जरी के लिए भी दिल्ली से मशीनें मंगाई जा रही हैं.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल अस्पताल में नई मशीनें लगाई जा रही हैं. दिल और फेफड़ों के मरीजों इलाज के साथ ही बर्न वार्ड के लिए हाईपरबेरिक ऑक्सीजन चेंबर, एनआईसीयू वार्ड में बच्चों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है.

वार्ड में क्रेमियल मॉनिटर भी लगाया जा रहा है. इसके साथ ही रेडियोलॉजी विभाग में डिजिटल एक्सरे मशीन और फिर आंखों की सर्जरी के लिए नई मशीनों की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए अस्पताल प्रशासन नई मशीनें मंगा रहा है. इन मशीनों के लगाए जाने के बाद यहा आने वाले मरीजों को काफी हद तक अच्छी सुविधाएं दी जा सकेंगी और वेटिंग कम किया जा सकेगा.

एक क्लिक में मिल जाएगी रिपोर्ट:रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का कहना है, पुरानी मशीन में एक्स-रे कर उस प्लेट को कंप्यूटर में डाउनलोड करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसके बाद फिल्म तैयार की जाती है. मगर नई मशीन में ऐसा नहीं करना होगा.

मरीज के मशीन के सामने लेटते ही उसका एक्स-रे हो जाएगा और मशीन के माध्यम से एक और क्लिक में मरीज की रिपोर्ट निकल जाएगी. विभागाध्यक्ष प्रो. अमित नंदनधर द्विवेदी बताते हैं कि हड्डियों के टूटने आदि के मरीजों की जांच पुरानी मशीन से भी की जा सकेगी.

इसमें फिल्म निकाली जाती है. वहीं नई मशीन के माध्यम से मरीज की समस्या में अन्य बारीक चीजें देखेने में कारगर रहेगा. अस्पताल में एक बार में दोनों मशीनें चलाई जाएंगी.

आंखों की हो सकेगी लेसिक सर्जरी:वहीं, बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में लेसिक सर्जरी की सुविधा शुरू होने जा रही है. क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के चौथे तल पर ऑपरेशन थियेटर में मशीनें लगाई जाएंगी. इसकी मशीन के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और 2.5 करोड़ की मशीन दिल्ली से मंगाई जाएगी.

अप्रैल तक यह सुविधा अस्पताल में उपलब्ध हो जाएगी. लेसिक सर्जरी के जरिए कार्निया को पतला किया जाता है. इससे विजन ठीक हो जाता है. इससे मरीज का चश्मा हटाया जा सकता है. मशीन आने के बाद इसके लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा. निजी अस्पतालों में 20 से 90 हजार रुपये में यह सर्जरी की जा रही है.

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