पलामू: चार राज्यों में मवेशी तस्करों का नेटवर्क फैला हुआ है. मवेशी तस्करों के नेटवर्क झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल तक फैला हुआ है. झारखंड में तस्कर इतने साहसी हैं कि पुलिस को भी रौंदने का प्रयास करते हैं. कुछ वर्ष पहले रांची में एक महिला सब इंस्पेक्टर को रौंद दिया गया था.
हाल के दिनों में पलामू पुलिस ने मवेशी तस्करों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में कई खुलासे हुए हैं. पुलिस की जांच में यह भी जानकारी निकल कर सामने आई है कि तस्कर किसी भी हद तक जा सकते हैं और सामने आने वाले किसी भी व्यक्ति को रौंद सकते हैं. पलामू पुलिस ने पिछले छह महीने में 30 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया है जबकि 300 से अधिक मवेशियों को मुक्त करवाया है. कई मौकों पर पुलिस को रौंदने का प्रयास किया गया है.
- सात सितंबर पलामू के सदर थाना पुलिस ने मवेशी तस्करों के खिलाफ चेकिंग अभियान शुरू किया था. इस अभियान में थाना प्रभारी एवं उनकी पूरी टीम शामिल थी तस्करों ने थाना प्रभारी और उनकी पूरी पुलिस टीम को रौंदने का प्रयास किया. बाद में पुलिस ने किसी तरह तस्करों के वाहन को रोका और पांच तस्करों को गिरफ्तार किया.
- आठ सितंबर को पलामू के नावाबाजार में मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई हो रही थी. इस दौरान की भी तस्करों ने पुलिस को रौंदने का प्रयास किया था. इस दौरान पुलिस ने आधा दर्जन तस्करों को गिरफ्तार किया था.
- 2020-21 में आईपीएस अधिकारी के विजयशंकर मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे. इस दौरान आईपीएस अधिकारी एवं उनके बॉडीगार्ड को रौंदने का प्रयास किया गया. इस दौरान 20 से अधिक गाड़ी को जब्त किया गया था.
पलामू के इलाके से तस्करों ने तैयार किया रास्ता, जीटी रोड होता है टारगेट
पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि तस्कर ने पलामू में दो रास्ता बनाया है. दोनों रास्ते के माध्यम से तस्कर हर हाल में मवेशी को जीटी रोड तक पहुंचाना चाहते हैं. बिहार के डिहरी और झारखंड में लोहरदगा में मवेशियों को जमा किया जाता है, उसके बाद तस्करी की जाती है. मवेशी को यूपी और बंगाल के इलाके में भेजा जाता है.
"मवेशी तस्करों के नेटवर्क खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, पलामू के इलाके में दो रूट चिन्हित किए गए हैं जिन पर निगरानी बढ़ाई गई है. कार्रवाई के दौरान पुलिस के जवानों को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी."- राकेश कुमार सिंह, एएसपी, पलामू