कोटा : देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) के नोटिफिकेशन का लाखों कैंडिडेट को इंतजार है. बीते 10 सालों में इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या में 6 गुना बढ़ोतरी हुई है. साल 2015 में 3.74 लाख कैंडिडेट ने इस परीक्षा में रजिस्ट्रेशन करवाया था, जबकि बीते साल यह रजिस्ट्रेशन की संख्या 24.06 लाख पर पहुंच गई है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि लगातार मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तरफ कैंडिडेट का रुझान बढ़ रहा है. बीते तीन से चार सालों में लगातार 2 लाख के आसपास कैंडिडेट प्रति साल बढ़ रहे हैं. ऐसे में साल 2025 में नीट यूजी परीक्षा में कैंडिडेट की रजिस्ट्रेशन की संख्या 26 लाख से ज्यादा हो सकती है. यह अपने आप में ही एक रिकॉर्ड होगा. बीते साल यह संख्या 24 लाख 6 हजार 79 थी. यह भी अब तक इस परीक्षा में रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड ही था.
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देव शर्मा का कहना है कि देश के रूरल एरिया और सेमी अर्बन शहरों में भी इस परीक्षा के प्रति जागरूकता सामने आई है और इसके जरिए एमबीबीएस के अलावा बीडीएस आयुष के कोर्सेज के साथ-साथ नर्सिंग के कोर्सेज में भी प्रवेश मिलने लगा है. साथ ही अब एम्स में एमबीबीएस का एग्जाम भी इसके साथ ही हो रहा है, इसके चलते कैंडिडेट की संख्या बढ़ रही है.
2 से 3 लाख सालाना औसत से बढ़ रहे हैं कैंडिडेट :देव शर्मा का कहना है कि बीते 4 सालों का ट्रेंड देखा जाए तो साल 2021 में 16.14 लाख कैंडिडेट ने इस परीक्षा में रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन 2022 में ढाई लाख कैंडिडेट बढ़कर 18.72 लाख हो गए थे. इसके बाद 2023 में 2 लाख कैंडिडेट बढ़कर 20.87 हुए. वहीं, 2024 में 3 लाख के आसपास कैंडिडेट बढ़े और रजिस्ट्रेशन 24.06 हो गया था. इसी अनुसार अब उम्मीद जताई जा रही है कि 2 लाख के आसपास कैंडिडेट बढ़ेंगे और रजिस्ट्रेशन 26 लाख से ज्यादा होगा.
मेडिकल एंट्रेस एग्जाम के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा (ETV Bharat GFX) पहले 2013 से शुरू हुई, 2016 से लगातार हो रही नीट यूजी परीक्षा : देव शर्मा ने बताया कि साल 2013 में नीट यूजी परीक्षा को लागू कर दिया गया था. मामला न्यायालय में गया था. इसके बाद 2014 और 2015 में दोबारा पीएमटी (प्री मेडिकल टेस्ट) एआईपीएमटी (ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट) ही आयोजित की गई. इसके बाद साल 2016 में दोबारा से नीट यूजी का आयोजन किया गया, तब से लगातार नीट यूजी का आयोजन किया जा रहा है. इसलिए साल 2015 में AIPMT में 3 लाख 74 हजार 386 कैंडिडेट थे, लेकिन 2016 में यह संख्या दिखने से भी ज्यादा होकर 8 लाख 2 हजार 594 कैंडिडेट ने परीक्षा दी. उसके बाद 2017 में 3 लाख कैंडिडेट बढ़कर रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 11.38 लाख पर पहुंच गया था.