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NEET UG 2024: पहले भी लगे थे पेपर लीक के आरोप, 2004 और 2015 में तो पेपर हो गया था आउट - Medical entrance exam controversies

नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर पेपर लीक के आरोप लग रहे हैं. एनटीए ने ग्रेस मार्क्स खत्म कर दोबारा परीक्षा करवाने की बात कही है. ऐसा पहली बार नहीं है. पूर्व में भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में दोबारा पेपर करवाए गए हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट...

Medical entrance exam controversies
मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़े विवाद (ETV Bharat File Photo)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 13, 2024, 4:56 PM IST

Updated : Jun 13, 2024, 7:18 PM IST

ग्रेस मार्क्स पर क्या बोले एक्सपर्ट (ETV Bharat Kota)

कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित नीट यूजी परीक्षा को लेकर विवाद गहरा रहा है. इस बार नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक और धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर ऐसे आरोप लगे हैं. इससे पहले साल 2004 और 2015 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) के पेपर लीक हुए थे. 2015 में तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर परीक्षा दोबारा ली गई.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है, जब वन नेशन वन एग्जाम नहीं रहेगा. इससे पहले भी कई बार दोबारा परीक्षा हो चुकी है. बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में जवाब पेश किया. जिसके तहत ग्रेस मार्क्स को खत्म कर दोबारा परीक्षा आयोजित करने की बात कही है. हालांकि एनटीए ने 1563 कैंडिडेट को दिए ग्रेस मार्क्स हटाने के लिए कह दिया है. जिसमें कैंडिडेट्स को यह स्वतंत्रता दी है कि वह परीक्षा दें या नहीं. इस स्थिति में ग्रेस मार्क्स हटाने से असंतुष्ट कैंडिडेट की परीक्षा देंगे, जो ग्रेस मार्क्स हटाए जाने से संतुष्ट हैं, वह परीक्षा नहीं देंगे.

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साल 2022 में भी दोबारा हुई थी परीक्षा: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी वन नेशन वन एग्जाम के तर्ज पर इस परीक्षा को आयोजित करता है. यह पूरी तरह से ऑफलाइन पेन पेपर मोड पर होती है. जिसमें ओएमआर शीट के जरिए उत्तर कैंडिडेट देते हैं, लेकिन कैंडिडेट्स को गलत प्रश्न पत्र और ओएमआर दिए गए थे. इन्हें वापस लेने से कैंडिडेट का टेंपरामेंट बिगड़ गया और उनका समय भी खराब हो गया था.

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इनमें कोल्लम-केरल, श्रीगंगानगर-राजस्थान, होशंगाबाद-मध्यप्रदेश, कुशीनगर-उत्तर प्रदेश, भिंड-मध्यप्रदेश और कुचामन-नागौर राजस्थान थे. जहां पर दोबारा परीक्षा हुई थी. जबकि कोटा राजस्थान और प्रतापगढ़ यूपी में बारा परीक्षा नहीं हुई थी, लेकिन यहां भी हंगामा हुआ था. इस साल 2024 में भी कुछ कैंडिडेट को गलत प्रश्न पत्र सवाई माधोपुर में बट गए थे. ये कैंडिडेट प्रोटेस्ट करते हुए परीक्षा केंद्र के बाहर आ गए थे, जिन्हें बड़ी मुश्किल से पुलिस ने वापस अंदर भेजा था. इसके बाद इन कैंडिडेट को अतिरिक्त समय भी दिया गया था.

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मेडिकल एंट्रेंस में पहले भी हुए हैं दोबारा एक्जाम:

  1. नीट यूजी के पहले ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट आयोजित किया जाता था. इसके तहत 2004 में पेपर आउट होने पर सभी स्टूडेंट के लिए पेपर दोबारा करवाया गया था.
  2. साल 2015 में एआईपीएमटी का 3 मई को हुआ पेपर आउट हो गया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. कोर्ट ने दोबारा परीक्षा के निर्देश दिए. इसलिए 25 जुलाई, 2015 में सभी विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा ली गई.
  3. साल 2016 में एआईपीएमटी की परीक्षा 1 मई को होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही एआईपीएमटी को हटाकर नीट यूजी को मान्यता दे दी थी. ऐसे में 1 मई वाली परीक्षा को नीट यूजी वन माना गया. छूट गए विद्यार्थियों के लिए 24 जुलाई को नीट यूजी 2 परीक्षा हुई थी. हालांकि इसमें पहले परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को छूट दी गई थी कि वह इसमें भाग ले भी सकते हैं और नहीं भी.
  4. साल 2019 में फनी साइक्लोन के चलते उड़ीसा और बेंगलुरु में ट्रेन देरी से पहुंचने के चलते कई विद्यार्थी 5 मई को परीक्षा देने से चूक गए थे. ऐसे में इन विद्यार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा 20 मई को आयोजित की गई थी.
  5. साल 2020 में भी कोविड-19 के चलते पॉजिटिव स्टूडेंट 13 सितंबर को परीक्षा नहीं दे पाए थे. ऐसे विद्यार्थियों के लिए दोबारा 14 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित की गई थी.
  6. साल 2022 में कोटा समेत कुछ परीक्षा केंद्र पर कैंडिडेट्स को दूसरे माध्यम का प्रश्न पत्र दे दिया गया था. बाद में कैंडिडेट से यह प्रश्न पत्र लेकर दूसरों को दिया गया. ऐसे में कैंडिडेट्स ने पहले ओएमआर शीट पर अपने नाम रोल नंबर से लेकर सब जानकारी भर दी थी, यह सब वापस लेने पर इन पर व्हाइटनर लगाई गई और उसके बाद दूसरे कैंडिडेट को दिया गया था.
Last Updated : Jun 13, 2024, 7:18 PM IST

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