मुजफ्फरपुरः नीट पेपर लीक मामले की जांच बिहार आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. इस जांच में कई खुलासे सामने आ रहे हैं. हाल में नीट पेपर लीक का मुजफ्फरपुर कनेक्शन सामने आया है. एक प्राइवेट स्कूल के प्राचार्य की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. पुलिस को शक है कि मुजफ्फरपुर के सेंटर से सॉल्वर को भगाने में इस प्राचार्य की भूमिक अहम है. इसको लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
सॉल्वर को भगाने में संलिप्ताः मुजफ्फपुर सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि जिले में पांच मई 2024 को आयोजित नीट परीक्षा के दौरान मिठनपुरा के मालीघाट स्थित एक निजी स्कूल से सॉल्वर गैंग के शातिर के फरार होने का मामला सामने आया था. मामले में स्कूल की प्राचार्य की भूमिका को पुलिस संदिग्ध मान रही है. पुलिस को मामले की जांच में प्राचार्य की लापरवाही से जुड़े कई प्रमाण मिले हैं. हालांकि पुलिस की जांच अभी जारी है.
राजस्थान जाएगी बिहार पुलिस: इधर, मिठनपुरा थाने की पुलिस अगले सप्ताह सॉल्वर जोधपुर एम्स के तीसरे साल के छात्र हुकमा राम को गिरफ्तार करने जाएगी. उसके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर दिया है. पुलिस इसके लिए जल्द ही आईजी से अनुमति लेगी और इसके बाद राजस्थान के लिए रवाना होगी.
"निजी स्कूल की प्राचार्य की भूमिका संदिग्ध है. इसकी पूरी रिपोर्ट नीट परीक्षा कमेटी को भेज दी गई है. फिलहाल पुलिस टीम अगले सप्ताह जोधपुर एम्स के छात्र हुकरा राम को गिरफ्तार करने जाएगी. उससे पूछताछ की जाएगी. प्राचार्य की भूमिका पर भी उससे सवाल किए जाएंगे. तथ्य मिलने के बाद प्राचार्य की गिरफ्तारी संभव है. सॉल्वर ने पकड़े जाने पर बताया था कि वह चार लाख रुपये लेकर परीक्षा में बैठा था."-अवधेश दीक्षित, सिटी एसपी, मुजफ्फपुर
पटना के छात्र के नाम पर दे रहा था परीक्षाः सिटी एसपी ने कहा कि हुकमा राम मूल निवासी पटना के राज पांडेय के नाम पर परीक्षा दे रहा था. राज का परिवार यूपी के प्रयागराज में रहता है. एडमिट कार्ड पर उसी की तस्वीर थी लेकिन बॉयोमेट्रिक जांच के दौरान उसकी एक भी अंगुली का मिलान नहीं हो सका. इसकी जानकारी प्राचार्य को दी गई. साथ ही युवक को परीक्षा से वंचित भी कर दिया गया. लेकिन, प्राचार्य ने इसकी सूचना परीक्षा के लिए तैनात दंडाधिकारी या मिठनपुरा पुलिस को नहीं दी.
FIR दर्जः पुलिस के मुताबिक करीब तीन घंटे विलंब से इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. जब पुलिस पहुंची तो प्राचार्य ने पुलिस को युवक के खिलाफ एफआईआर कराने से इंकार कर दिया और युवक को वहां से जाने दिया. इस खुलासे के बाद मिठनपुरा थाना के पुलिस पदाधिकारी के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई.
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