पटनाः NEET पेपर लीक विवाद में रोज-रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं, लेकिन इस बार जो बात बाहर निकलकर सामने आई है वो अंदरखाने बैठकर खेल करनेवालों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है. दरअसल NHAI के गेस्ट हाउस में शिक्षा माफिया सिकंदर के साले की पत्नी और उसके बेटे अनुराग के साथ-साथ दो अन्य अभ्यर्थियों के ठहरने का इंतजाम किसी मंत्री के लेटर पर हुआ था.
कमरा नंबर 404 और लेटर नंबर 440:NEET से जुड़े विवादकी जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नये-नये राज भी खुल रहे हैं. एक जानकारी के मुताबिक इन्सपेक्शन बंगला कहे जानेवाला NHAI के गेस्ट हाउस के रूम नंबर 404 में सिकंदर के साले की पत्नी रीना यादव और रीना का बेटा अनुराग यादव दो अन्य अभ्यर्खियों के साथ ठहरे थे. इसमें जो सबसे खास जानकारी है वो ये है कि एक मंत्री के लेटर नंबर 440 के आधार पर ही इन सभी को कमरा अलॉट किया गया था.
बुकिंग रजिस्टर भी दे रहा है गवाहीः गेस्ट हाउस के रजिस्टर में अब भी ये जानकारी मौजूद है कि मंत्री जी के लेटर के आधार पर ही सभी लोगों को कमरा अलॉट किया गया था. रजिस्टर में मंत्री जी के लेटर नंबर 440 का भी जिक्र है. रजिस्टर में ये भी जिक्र है कि परीक्षा के दिन सुबह 4:30 बजे सभी अभ्यर्थी चेक आउट कर गए थे. सिकंदर ने कबूल भी किया है कि वो यहां से लेकर सभी को लर्न प्ले स्कूल ले गया जहां उत्तर रटवाए गये. फिलहाल रजिस्टर और मंत्री का लेटर ईओयू के पास है जो इस पूरे प्रकरण में मंत्री जी की भूमिका की जांच में जुट गयी है.
बिहार सरकार के अधीन रहता है NHAI गेस्ट हाउसः पटना के गुलजारबाग में स्थित NHAI का ये गेस्ट हाउस बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के अधीन काम करता है और नियमों के अनुसार पथ निर्माण विभाग की ओर से ही स्वीकृति मिलने पर ही इस गेस्ट हाउस में कमरे बुक किए जा सकते हैं.
मंत्रीजी और सिकंदर का कनेक्शन LEAK! : जांच में लेटर नंबर 440 और रूम नंबर 404 से जुड़ी जानकारियों के खुलासे के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वो मंत्री जी कौन हैं जिनका परीक्षा माफिया सिकंदर यादवेंदु से सीधा कनेक्शन है ? सवाल ये भी है कि आखिर मंत्री जी परीक्षा माफिया और अभ्यर्थियों के ठहरने का इतना उत्तम और गोपनीय प्रबंध आखिर क्यों करवाते हैं. ?
क्या कहते हैं हाउसकीपिंग सुपरवाइजर? : कमरा नंबर 404 और लेटर नंबर 440 के बीच के कनेक्शन को लेकर जब NHAI के गेस्ट हाउस के हाउस कीपिंग सुपरवाइजर से जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो उन्होंने कुछ भी साफ-साफ बताने से इंकार कर दिया. हाउस कीपिंग सुपरवाइजर राकेश कुमार ने कहा कि " मेरा बयान से लेने से क्या मिलेगा ? जो भी जानकारी पुलिस को चाहिए थी वो सारी जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है. वे लोग अपना काम कर रहे हैं.
"बाकी जानकारी वो देंगे आपको. मैं अथॉरिटी हूं ही नहीं बोलने के लिए गेस्ट हाउस उनके कंट्रोल में है कि उनके ?यहां हमलोगों को रखरखाव का काम मिला है वो हमलोग करते हैं. बाकी कौन कंट्रोल करता है ये तो वे लोग ही बता पाएंगे.मैं तो कह रहा हूं कि ये विभाग ही बता पाएगा कि उनके कंट्रोल में है कि उनके कंट्रोल में है."-राकेश कुमार, सुपरवाइजर, हाउसकीपिंग, NHAI गेस्ट हाउस
'बस दो लोग थे':यही नहीं हाउसकीपिंग सुपरवाइजर ने बताया कि, इतनी जानकारी मुझे नहीं है, एक अनुराग यादव थे, गेस्ट हाऊस में उनकी बुकिंग थी, वो यहां ठहरे थे, उनके साथ एक मैडम भी थी, वोट भी यहां रुकी हुई थी. एन 10 नंबर कमरे में बुकिंग थी. बस दो लोग थे, अचानक से पुलिस यहां रात में आई, पूछा कि यहां कोई रुका हुआ है, रजिस्टर मांगा तो हमने दिखा दिया. महिला पुलिसकर्मी भी थी. उनके कमरे में जाकर बातचीत की, तब तक हम लोगों को पता भी नहीं था कि क्या मामला है?.
''रात के करीब 8 बजे हम लोगों को पता चला कि एजुकेशन से जुड़ा कोई मामला है. इससे ज्यादा जानकारी हम लोगों को नहीं थी. पिछले महीने की यह घटना है. किसी मंत्री के रेफरेंस की कोई बात नहीं है. अगर कोई रुकता है तो कह देता है कि मंत्री जी के गेस्ट है तो जो रिसेप्शन पर रहता है तो वो लिख देता है कि 'मंत्रीजी'. किसी मंत्री से हम लोगों की कभी कोई बातचीत नहीं हुई है.''-राकेश कुमार, सुपरवाइजर, हाउसकीपिंग, NHAI गेस्ट हाउस