फिरोजाबादःहनुमानजी के अनन्य उपासक बाबा नीब करौरी के भक्त देश के साथ विदेशों में भी हैं. स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग पीएम मोदी, विराट कोहली, अनुष्का शर्मा के अलावा कई नेता और हॉलीवुड और बॉलीवुड हस्तियां बाबा की भक्त बताई जाती हैं. नीब करौरी बाबा का कैंची धाम नैनीताल के पास है. यहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं. यहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं, लेकिन मूलरूप से बाबा उत्तर प्रदेश के थे.
नीब करौरी बाबा की जन्मस्थली को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान. (photo credit: etv bharat) बता दें कि बाबा नीब करौरी का जन्म मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर सन् 1900 में फिरोजाबाद के गांव अकबरपुर में हुआ था. उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. बाबा हनुमानजी के अनन्य भक्त थे. उन्हें हनुमानजी का अवतार कहा जाता था. कहा जाता है बाबा ने भवानी-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित दो पहाड़ियों के बीच कैंची धाम को अपनी तपोस्थली के रूप में चुना था. बाबा ने यहां कई वर्षों तक तपस्या कर सिद्धियां जुटाई थीं. यहां की सड़कें एक दूसरे को कैंची की तरह काटती हैं इस वजह से इसे कैंची धाम बुलाया जाता है. यह स्थान नैनीताल के नजदीक है. यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं. 10 सितंबर 1973 को बाबा नीब करौरी ने वृंदावन में समाधि ली थी. बाबा हर दिन नई-नई लीलाएं रचते थे. बाबा पर कई किताबें भी लिखी जा चुकीं हैं. नीब करौरी सरकार के कैंची धाम में बड़ी संख्या में उमड़ते भक्त. (photo credit: x) नीब करौरी बाबा के मुरीद कई अंतराष्ट्रीय हस्तियां भी हैं. (photo credit: x) कैंची धाम तब ज्यादा चर्चा में आया जब यहां स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्ग पहुंचे. इसके अलावा कई जानी-मानी विदेश हस्तियां यहां बाबा के दर्शन को पहुंची. तब से इस स्थान की प्रसिद्धि कैंची धाम के रूप में हो गई. हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन को पहुंचते हैं. इसके अलावा विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, शक्ति कपूर समेत कई बॉलीवुड हस्तियां यहां अक्सर दर्शन को पहुंचतीं हैं. नीब करौरी सरकार में भक्तों की है गहरी आस्था. (photo credit: x)
गांव में डाक बंगलिया में रहते थे बाबा
बाबा गांव की एक डाक बगंलिया में रहते थे जो आज भी मौजूद है. बाबा की जन्मस्थली वाला यह गांव अकबर के मनसबदार टोडरमल द्वारा स्थापित किए गए राजा का ताल के पास है इसलिए आज बाबा नीब करौरी के पैतृक गांव अकबरपुर के बजाय राजा ताल को लोग ज्यादा जानते है. राजा का ताल का चौराहा शहर का प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है.
बाबा का नाम रखने के साथ गेट लगाने की तैयारी
उद्योग विभाग के उपायुक्त दुष्यंत कुमार ने बताया कि उद्योग बंधु की बैठक में उद्योगपतियों ने राजा का ताल चौराहे का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था जिसे मंजूर कर लिया है. इस स्थान का नाम बाबा के नाम पर रखा जाएगा ताकि बाबा के जन्मस्थान को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके. इस संबंध में जिलाधिकारी की तरफ से विकास प्राधिकरण और पंचायती राज विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं.