शिवहर: बिहार के शिवहर राज दरबार स्थित दस महाविद्या मंदिर देवी शती के शक्ति पीठ के रूप में विख्यात है. इस मंदिर में माता के काली, तारा, बंगलामुखी, षोडसी और मां दुर्गा की अद्भुत प्रतिमा स्थापित है. शिवहर के राजा देव नंदन सिंह बहादुर मालिक आजीवन भक्तिभाव से माता के चरणों में समर्पित थे. उन्होंने विद्वान तांत्रिक के सहयोग से 'शाक्त प्रमोद' नामक एक पुस्तक का प्रकाशन कराया, जिसका मुद्रक खेमराज श्रीकृष्णदास वेंकटेश्वर छापाखाना मुंबई से किया गया, जो आज भी चर्चित है.
तांत्रिक विधि से होती है पूजा: बता दें कि इस पुस्तक में पूरी तांत्रिक विधि से दस महाविद्या पूजन के बारे में विस्तृत जानकारी समाहित है. वहीं इसके मंत्रों का संग्रह विभिन्न विद्वान तांत्रिक एवं पंडितों से कराया गया था. 'शाक्त प्रमोद' पुस्तक का राजगुरु पंडित रघुराजदेव जी महाराज ने इसका शुद्धिकरण किया था. वहीं मंदिर के मुख्य आचार्य पंडित आदित्य कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास आज से 189 वर्ष पुराना है. यहां तंत्र-मंत्र के द्वारा विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाती है.
"साल 1854 में शिवहर के राजा शिवराज नंदन सिंह बहादुर के द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई. दस महाविद्या के स्वरूप में यहां पांच महाविद्या का स्वरूप स्थापित किया गया है."-पंडित आदित्य कुमार द्विवेदी, मुख्य आचार्य