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NeVA प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू, बजट सत्र के बाद आने वाला सत्र पेपरलेस होगा - Rajasthan Budget 2024 - RAJASTHAN BUDGET 2024

बजट सत्र के बाद आने वाला सत्र पेपरलेस होगा. मंगलवार को विधानसभा में वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में हाउस कमेटी फॉर ई-गवर्नेंस एंड जनरल परपज की बैठक हुई. बैठक में सदस्यों ने नेवा प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान विधानसभा को डिजिटल बनाने के लिए पहली किस्त जारी किए जाने का केन्द्र और राज्य सरकार को आग्रह किया.

Rajasthan Budget 2024
NeVA प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 11, 2024, 7:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के सभागार में सदस्यों की सीटों पर कम्प्यूटर उपकरण स्थापित करने और विधानसभा सचिवालय को पेपरलेस किये जाने के लिए नेवा प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बजट सत्र के बाद आने वाला सत्र पेपर लेस होगा.

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा की अनुशंसा पर सदन में विधायकों की मेजों पर कम्प्यूटर उपकरण स्थापित करने और विधानसभा को पेपरलेस बनाने के लिए भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है. परियोजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार के वित्त का उपयोग 60 व 40 के अनुपात में किया जायेगा, तीन किस्तों में वित्तीय सहायता कार्य के लिए उपलब्ध कराई जाएगी.

सदन में विधायकों की प्रत्येक सीट पर लगेंगे आईपैड : वासुदेव देवनानी ने बताया कि सदन में विधायकों की प्रत्येक सीट पर एक आईपैड लगाया जाएगा और एक लैपटॉप मय प्रिन्टर विधायकों को उनके आवास के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इस परियोजना में 12.61 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की गई है. इस राशि में 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत भागीदारी राज्य सरकार की होगी. देवनानी ने बताया कि विधानसभा में नेवा सेवा केन्द्र (ई-लर्निंग कम ई-फैसिलेशन सेंटर) की स्थापना की जाएगी.

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इसके तहत विधायकगण, अधिकारियों व कर्मचारियों को नेवा मॉड्यूल का प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण सामग्री अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय आषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी, परियोजना लागू होने पर प्रारम्भ में सत्र के दौरान विधायकों की सुविधा के लिए प्रोजेक्ट के तहत सहायता उपलब्ध कराने के लिए तकनीकी कर्मचारी सदन में उपस्थित रहेंगे. जिस भी विधायकों को ऑनलाइन कार्य करने में असुविधा होगी उसके लिए मौके पर ही तकनीकी सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी.

समय-समय पर होगी परियोजना की समीक्षा : अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि राजस्थान विधान सभा को डिजिटल करने की इस महत्वपूर्ण परियोजना की समय-समय पर समीक्षा की जायेगी. बजट सत्र के बाद परियोजना में कार्य तीव्र गति से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कार्य की डीपीआर तैयार हो गई है. त्रिपार्टी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय, राजस्थान सरकार और राजस्थान विधानसभा के मध्य हो गया है.

केन्द्र सरकार की राज्य की विधानसभाओं को डिजिटल बनाये जाने के लिए "वन नेशन-वन एप्लीकेशन" के तहत नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है. नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) से अब राजस्थान विधानसभा का सदन और सचिवालय डिजिटल हो जायेगा. इससे विधानसभा व सचिवालय की कार्यवाही पेपरलेस हो जायेगी. इस ई-विधान एप्लीकेशन से राज्य विधानसभा के सदस्यों और अधिकारियों को कार्य करने में आसानी होगी.

इस एप्लीकेशन से विधानसभा के सदन से संबंधित विधेयक, रिपोर्टस आदि की जानकारी मीडिया, अनुसंधानकर्ता और आम नागरिक देख सकेंगे. ई-विधान एप एंड्रॉयड और आई.ओ.एस. दोनों तरह के मोबाइल पर चल सकेगा. यह ऐप ई-बुक और वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगा, नेवा के तहत सदन की कार्यवाही विवरण, सदन में रखे जाने वाले पेपर्स, विधेयक से संबंधित जानकारी, समितियों की रिपोर्ट, प्रश्न और उनके जवाब, बुलेटिन, कार्यवाही विवरण, डिजिटल लाइब्रेरी, सूचनाएं और सदस्यों से संबंधित जानकारी एक ही एप्लीकेशन में उपलब्ध होगी.

देश के अन्य विधान मंडलों में भी नेवा प्रोजेक्ट : देवनानी ने बताया कि नेवा प्रोजेक्ट के तहत देश के 13 राज्यों के विधान मण्डलों में भी विधान सभाओं को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि छ: राज्यों में इस संबंध में एम.ओ.यू. हो गया है, गुजरात विधान सभा में नेवा प्रोजेक्ट के तहत हुये डिजिटल कार्य का अवलोकन किया है.

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक केसाराम चौधरी, पब्बाराम विश्नोई, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, डॉ. प्रियंका चौधरी, विधान सभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा, सूचना प्रौद्योगिकी आयुक्त इन्द्रजीत सिंह, वरिष्ठं उप सचिव श्रीकृष्ण, वरिष्ठ तकनीकी निदेशक एस.एल. कुमावत, मुख्य लेखाधिकारी कैलाश चन्द्र सेन और प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर नरेश कुमार जैन मौजूद थे.

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