थराली :देव भाषा मानी जानें वाली संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार ने नई पहल करना शुरू कर दिया है. जिसके तहत राज्य के सभी शासकीय, अशासकीय स्कूल, कॉलेजों, कार्यालयों,बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों, सार्वजनिक स्थानों समेत बोर्ड और नाम पट्टिका में संस्कृत भाषा में नाम लिखने के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड संस्कृति अकादमी हरिद्वार के सचिव और एसपी खाली ने राज्य के सभी जिलाधिकारी और विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है.
संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की पहल:यह निर्देश 2 फरवरी को मुख्य सचिव द्वारा राज्य के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों एवं प्रभारी सचिवों को दिए गए थे. जिसके तहत मंगलवार देर शाम उत्तराखंड संस्कृति अकादमी हरिद्वार के सचिव और एसपी खाली ने सभी जिलाधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों को पत्र जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के तहत हिंदी के साथ-साथ संस्कृत में भी नाम लिखे जाएंगे.
संस्कृत प्रेमियों में दिख रहा उत्साह:पत्र में कहा गया है कि संस्कृत में नाम लिखने में उत्तराखंड संस्कृति अकादमी हरिद्वार से सहयोग प्राप्त किया जा सकता हैं. इन निर्देशों के बाद जल्द ही पूरे राज्य की शिक्षण संस्थाओं, विभागों में संस्कृत में लिखे बोर्ड और नाम पट्टिकाओं के चमकाने की संभावना है. जिससे संस्कृत प्रेमियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.