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HC ने आरटीआई एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, शिकायतकर्ता से 4 हफ्ते में मांगा जवाब - STAY ON ARREST OF BHUVAN POKHARIYA

नैनीताल हाईकोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता भुवन पोखरिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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HC ने आरटीआई एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी पर लगाई रोक (FILE PHOTO ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 27, 2024, 9:22 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया की गिरफ्तारी पर रोक और दर्ज मुकदमे को निरस्त करने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने आरटीआई एक्टिविस्ट पोखरिया की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने एफआईआर कर्ता सुधीर जांगी को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

मामले के मुताबिक, चोरगलिया निवासी सुधीर जांगी और एक अन्य के द्वारा समाज सेवी आरटीआई एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया और दो अन्य ग्राम प्रधानों के खिलाफ यह कहकर मुकदमा दर्ज कराया था कि इन्होंने क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. जबकि आरटीआई एक्टिविस्ट की दाखिल याचिका में कहा गया कि यह मुकदमा झूठा है. क्षेत्र के लोग अपनी मांग को लेकर विधायक को शिकायत देने जा रहे थे. विधायक ने ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने का समय दिया था.

याचिका में दी गई जानकारी के मुताबिक, 27 अक्टूबर 2024 को विधायक ने सभी क्षेत्र वासियों को जूनियर हाई स्कूल में एक मीटिंग बुलाई कि सभी पशुपालकों को पुरस्कार राशि दी जाएगी. जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों पशुपालकों ने प्रतिभाग किया. लेकिन भीड़ को देखकर विधायक बिना बोनस दिए सभा से चले गए. जब इसका विरोध समाज के जागरूक नागरिकों द्वारा किया गया तो चोरगलिया थाने में समाज सेवी भुवन पोखरिया, क्षेत्र के ग्राम प्रधानों सहित बीडीसी सदस्यों के खिलाफ संबंधित थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 126(2), 131, 324(2), 352 और 362 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया.

याचिका में कहा गया कि वे पशुपालक हैं. दो लोगों की शिकायत पर एक ईमानदार पशु चिकित्सक को लालकुआं में संबद्ध कर दिया गया. जबकि क्षेत्र की करीब 12 हजार से अधिक पशुपालक उनके कार्य से संतुष्ट थे. दो लोग नाखुश थे, उनकी ही शिकायत पर पशु चिकित्सक का ट्रांसफर हुआ. उसके बाद अभी तक कोई पशु चिकित्सक की नियुक्ति उनके क्षेत्र में नहीं हुई. उनके क्षेत्र में इस सीजन का केवल 25 प्रतिशत ही पशुओं का टीकाकरण हुआ है. लेकिन एक व्यक्ति ने इसका गलत फायदा उठाते हुए उनके खिलाफ साजिशन मुकदमा दर्ज कराया है. इसलिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और दर्ज मुकदमे को निरस्त किया जाए.

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