सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में गुलाबी सुंडी के बाद अब किसानों को सफेद रतुआ ने मुश्किलों में डाल दिया है. गुलाबी सुंडी के कारण जहां नरमा की फसल खराबे की भेंट चढ़ गई थी तो वहीं अब किसानों को गेहूं और सरसों की फसल से काफी उम्मीद थी. मौसम के अनुसार फसल सही से तैयार भी हो रही है, लेकिन कोहरा और ओस लंबे समय तक रहने से सरसों में फसल में सफेद रतुआ यानी गलन रोग फैसला शुरू हो गया है. जिले के किसानों का कहना है कि इस रोग से उनकी 7 से लेकर 25 फीसदी फसल प्रभावित होगी और उत्पादन कम होगा. किसान अब कृषि विभाग और सरकार से स्पेशल गिरदावरी करवा मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
सिरसा में सरसों की खेती पर संकट!: वहीं, कृषि विभाग के उप निदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि कहीं-कहीं सफेद रतुआ आया है. कृषि विभाग के टीमें जिलेभर में दौरा कर ही हैं. उन्होंने बताया कि जिन खेतों में पहले फंगीसाइड की स्प्रे नहीं हुई उन खेतों में सफेद रतुआ देखा जा रहा है. अभी यह बीमारी पत्तों में आनी शुरू हुई है. इसलिए किसानों को समझाया जा रहा है कि वे कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश शुदा डाइथेनएम 45 का छिड़काव करें. इससे बीमारी पत्तों पर सीमित हो जाएगी और फूलों और फलियों तक नहीं बढ़ेगी.
क्या कहते हैं किसान?: किसान विजय कुमार और जगदीश सहारण ने बताया कि जिलेभर में सरसों की फसल सफेद रतुआ से प्रभावित हो रही है. 7 से 25 फीसदी तक फसल रतुआ बीमारी से प्रभावित हो रही है. इससे उत्पादन घटेगा. हालांकि क्राॅप कटिंग में आंकड़े सामने आ जाएंगे, लेकिन इसमें समय लगेगा. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार को गिरदावरी करवाकर खराब हो रही फसल का मुआवजा जारी करना चाहिए.