करनाल/चरखी दादरी/फरीदाबाद/अंबाला/नूंह/सिरसा: हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू होगी. शुक्रवार और शनिवार को हरियाणा में बारिश हुई है, लिहाजा अभी मौसम में नमी बनी हुई है. जिसकी वजह से गेहूं की कटाई शुरू होने में अभी एक सप्ताह तक का समय लग सकता है. हरियाणा के राजस्थान से लगते जो जिले हैं. वहीं एक या दो दिन में गेहूं की कटाई शुरू हो सकती है. इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होगी.
करनाल अनाज मंडी में नहीं हुई खरीद की तैयारी! इस बार में करनाल की नई अनाज मंडी के आढ़ती प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि हमको भी जानकारी मिली है कि 1 अप्रैल से हरियाणा सरकार गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर रही है, लेकिन अभी तक मंडी प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनके पास बारदाने की जानकारी लेने के लिए नहीं पहुंचा है. हालांकि अभी गेहूं कटाई में समय लगेगा, क्योंकि मौसम में ठंडक होने की वजह से गेहूं में अभी थोड़ी कमी रहती है.
करनाल अनाज मंडी में अधूरी तैयारी किसानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल की कटाई तब करें जब सही तरीके से गेहूं पककर तैयार हो जाए. नियम के मुताबिक गेहूं में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत होनी चाहिए. अगर इससे ज्यादा नमी होती है, तो उसको सुखाना पड़ेगा, इसमें किसान और हमें दोनों को परेशानी होती है.
अनाज मंडी में चल रहा मेंटेनेंस का काम: करनाल की नई अनाज मंडी के आढ़ती प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा "मंडी में अभी एक शेड के मेंटेनेंस का काम चल रहा है. वहीं अनाज मंडी में सड़क बनाने का काम भी चल रहा है. सफाई व्यवस्था भी फिलहाल दिखाई नहीं दे रही. करनाल जिले में गेहूं खरीद के लिए 23 केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें दो एजेंसी गेहूं की सरकारी खरीद करेगी, ये एजेंसी हैफेड और फूड सप्लाई है."
उन्होंने कहा "कमीशन एजेंट ने कहा कि गेहूं खरीद का सीजन 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है लेकिन मंडी में किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं बनाई गई, सीजन के दौरान पानी की बड़ी समस्या रहती है, वो वही मंडी में गेहूं का उठान भी देरी से किया जाता है. जिसके चलते मंडी में अव्यवस्था फैल जाती है. इसलिए जिला प्रशासन को चाहिए कि जैसे ही मंडी में गेहूं आती है तो साथ के साथ उसका उठान होता रहे."
'किसानों को नहीं आने दी जाएगी परेशानी': करनाल अनाज मंडी सचिव संजीव सचदेवा ने कहा "गेहूं खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या ना आए इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सीजन के दौरान कई बार गेट पास को लेकर भी समस्या होती थी. इसलिए इस बार एक दो कंप्यूटर को एक्स्ट्रा रखे जाएंगे, ताकि किसी को भी परेशानी ना हो."
अंबाला में गेहूं खरीद के लिए मंडी प्रशासन तैयार: अंबाला अनाज मंडी प्रशासन का दावा है कि गेहूं खरीद के लिए उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है. मंडी सचिव नीरज भारद्वाज ने बताया "एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है. हमारी तरफ से किसानों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था की गई है. शौचालय साफ किए गए हैं. साफ सफाई पूरी तरह से की गई है."
उन्होंने कहा कि "रात को लाइट का पूरा प्रबंध किया गया है. बारिश अगर आती है, तो उसके लिए भी आढ़तियों के पास तरपालों का पूरा प्रबंध है, ताकि किसानों की फसल को बारिश से बचाया जा सके. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर जिन किसानों का पंजीकरण है. उनका गेट पास एक तारीख से ही कटना शुरू हो जाएगा. बारदाने की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी और हैफेड की तरफ से खरीद की जाएगी."
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये: इस बार गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल है. नूंह उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा ने अधिकारियों को निर्देश दिए "जिला प्रशासन की ओर से रबी फसल खरीद के दौरान मंडियों में आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना आने दी जाए. मंडी में सरसों और गेहूं बेचने वाले किसानों की मूलभूत सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें. रबी फसलों की खरीद के लिए प्रशासनिक स्तर पर पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है. नूंह जिला में गेहूं व सरसों की खरीद के लिए नूंह, तावडू, फिरोजपुर झिरका, पुनहाना इत्यादि खरीद केंद्र बनाए गए हैं. अधिकारी फसल खरीद प्रक्रिया के दौरान निर्धारित मापदंडों का उपयोग कर किसानों की फसल को व्यवस्थित तरीके से खरीदें. सरसों की 26 मार्च से खरीद शुरू हो गई थी, लेकिन नमी के कारण खरीद में कुछ देरी हुई. गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से खरीद शुरू होगी."
नूंह में सरसों की सरकारी खरीद जारी चरखी दादरी में आढ़तियों का प्रदर्शन: हरियाणा में सरसों की खरीद जारी है. चरखी दादरी सरसों की सरकारी खरीद को लेकर किसानों ने बवाल किया. किसानों का आरोप है कि मंडी में चेहतों को टोकन दिया जा रहा है. जिसके विरोध में किसान और आढ़तियों ने मंडी अधिकारियों के खिलाफ रोष जताते हुए खरीद का बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी. तब तक सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं होगी.
चरखी दादरी अनाज मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलियों ने बताया कि उनकी मांग है कि सरसों की सरकारी खरीद उनके जरिए की जाए और उन्हें आढ़त दी जाए. एसडीएम नवीन कुमार ने बताया कि किसानों व आढ़तियों से बातचीत हुई है. किसानों की सरकार के नियमों अनुसार खरीद की जाएगी और आढ़तियों की मांगों का समाधान कर दिया जाएगा.
बल्लभगढ़ में सरसों की खरीद जारी: बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में सरसों की खरीद जारी है. सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार 5650 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी पर सरसों की खरीद जारी है. मंडी सेक्रेटरी ने बताया कि अब तक बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में सरसों की खरीद 3000 क्विंटल हो चुकी है और इसके साथ-साथ अब 1 अप्रैल से सरकार के आदेशों के अनुसार गेहूं की खरीद भी शुरू हो जाएगी. जिसके लिए व्यापक प्रबंध कर लिए गए हैं और मंडी में किसानों के लिए पीने के पानी वाटर कूलर और बैठने की उचित व्यवस्था के प्रबंध भी पुख्ता कर लिए गए हैं. वहीं किसानों ने बताया "हम सरकार की पॉलिसी के मुताबिक 5650 रुपये एमएसपी के रेट पर अपनी फसल बेच रहे हैं. जिसका खूब फायदा मिल रहा है."
सिरसा में किसानों का प्रदर्शन: सिरसा लघु सचिवालय के बाहर दो महीनों से 15 गांव के सैकड़ों किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. खरीफ चैनल के निर्माण को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि वो अपनी जायज मांगों के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी जायज मांगों को भी पूरा नहीं कर रही है. किसानों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा. इसके अलावा सिरसा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर का बहिष्कार किया जाएगा.
सिरसा में किसानों का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बहिष्कार की चेतावनी: किसानों ने कहा कि हम सरकार से लिखित में आश्वासन चाहते हैं. किसान नेता जगरूप सिंह ने कहा "2009 से वो अपनी मांग कांग्रेस और भाजपा सरकार के सामने रख रहे हैं, लेकिन अभी तक दोनों ही सरकारों ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है. किसानों ने कहा कि 2014 में भाजपा के नेताओं ने सरकार बनाने से पहले उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन भाजपा सरकार का वो आश्वासन ही झूठा आश्वासन बनकर रह गया."
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