लखनऊ :अवैध धर्मांतरण के मामले में अदालत में उपस्थित गवाह से नमाज पढ़ने जाने का हवाला देकर अधिवक्ता की ओर से जिरह न करने पर कोर्ट ने टिप्पणी की. एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने निर्देश दिया. कहा कि जिन- जिन अभियुक्तों की ओर से मुस्लिम अधिवक्ता रखे गए हैं, उन्हें न्याय मित्र भी उपलब्ध कराया जाए. इससे गवाह से निर्बाध रूप से जिरह होती रहेगी. अदालत ने गवाह से जिरह करने के लिए 20 जनवरी की तिथि नियत की है.
शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी से संबंधित मामले में न्यायालय के समक्ष गवाह उपस्थित था. इस दौरान बचाव पक्ष को एक अर्जी देकर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य दिलाए जाने का आवेदन किया गया. इसका विरोध लोक अभियोजक नागेंद्र गोस्वामी ने किया. कहा कि जिन इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की नकल आरोपियों द्वारा मांगी जा रही है, वह यूआरएल के ओपन सोर्स पर उपलब्ध हैं. वहां से पुनः प्राप्त किया जा सकता है. वहीं मामले में हाजिर गवाह से जब कोर्ट ने अधिवक्ताओं से जिरह करने के लिए कहा तो मुस्लिम अधिवक्ता नमाज पढ़ने जाने की बात कहकर जिरह नहीं की.