रांची:झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लॉन्च कर सीएम हेमंत सोरेन ने जिस तरह से पॉलिटिकल मास्टर स्ट्रोक लगाया था, वह बाउंस बैक होता दिख रहा है. सेंटर्स पर लाभार्थियों की लंबी कतारें हैं. लेकिन कई जगहों से सूचना आ रही है फॉर्म अपलोड नहीं हो पा रहा है.
मुख्यमंत्री मंईयां योजना में बिचौलिया हावी हो गये हैं. फॉर्म के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं. लिहाजा, फ्लैगशिप प्रोग्राम पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने फॉर्म भरने की तारीख को 10 अगस्त से बढ़ाकर 15 अगस्त करने की घोषणा कर दी है. इसके बावजूद फॉर्म अपलोड नहीं होने पर उन्होंने लाभार्थियों को भरोसा दिलाया है कि 15 अगस्त के बाद भी आवेदन लिया जाएगा. यह अनवरत चलता रहेगा.
सीएम हेमंत सोरेन ने की समीक्षा
इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को योजना की समीक्षा की. उन्होंने जिला उपायुक्तों के साथ तकनीकी समस्याओं को लेकर ऑनलाइन फीडबैक लिया और संबंधित विभाग को जल्द से जल्द दिशा निर्देश जारी करने को कहा है. सीएम ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ लेने में दीदी-बहनों को आ रही कठिनाइयों को हर हाल में दूर करना है. इधर, विपक्ष लगातार हमलावर है. भाजपा का आरोप है कि 2019 के चुनाव के वक्त भी महागठबंधन ने इसी तरह का झांसा दिया था. इस बार भी प्रलोभन के सहारे लोगों को ठग कर चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है. लिहाजा, इनके झांसे में फंसना नहीं है.
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का किसको मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ 21 साल से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को मिलना है. इसके तहत आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए प्रति माह 1000 रु देने का प्रावधान है. फॉर्म भरने की प्रक्रिया 3 अगस्त को शुरू हुई थी जो 10 अगस्त तक निर्धारित थी. अब उस तारीख को 15 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है. इसके बाद भी सेंटर पहुंचने वाले लाभार्थियों से फॉर्म लेने को कहा गया है.
इस योजना का लाभ सिर्फ उन परिवारों की महिलाओं का मिलना है कि जिनकी सालाना आय 8 लाख रु. से ज्यादा नहीं है. लाभार्थी महिलाओं के पास आधार से जुड़ा बैंक खाता जरूरी है. इसके साथ ही परिवार के नाम झारखंड राज्य अंत्योदय अन्न योजना में दर्ज होना चाहिए. इसके लिए गुलाबी, पीला, सफेद या हरा कार्ड होना जरूरी है. पंचायतों में लग रहे शिविर या आंगनबाड़ी केंद्र में फॉर्म जमा करना है. यह योजना महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की है. उन महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा जो सरकारी सेवा, कांट्रेक्ट कर्मी, पेंशनभोगी, ईपीएफ धारी हों.