पटनाःगांव की सरकार यानि मुखिया नीतीश कुमार से काफी नाराज हैं. पिछले साल से ही कई मांगों को पूरी करने की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक सरकार से कोई बात नहीं बनी है. बुधवार को पटना में बिहार प्रदेश मुखिया संघ के तरफ से बैठक हुई. महा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार एक सप्ताह के अंदर हमारी मांगों को पूरी करें अन्यथा प्रदेश के 8 हजार से अधिक मुखिया एक साथ सामूहिक त्यागपत्र देंगे.
अधिकारों में कटौती का विरोधः बिहार प्रदेश मुखिया संघ अध्यक्ष मिथलेश कुमार राय ने कहा कि हमारी लड़ाई राज्य और केंद्र सरकार से है. सरकार अगर हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो लोकसभा चुनाव में बिहार के मुखिया अपने वोट का चोट दिखाकर सरकार को यह बताने का काम करेंगे कि हम भी जनता के प्रतिनिधि हैं. मिथलेश राय ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती कर रही है.
"हमारी रणनीति है कि सरकर लोकसभा चुनाव से पहले हमलोगों की मांग को सुनने का काम करे. अग सरकार हमारी मांग को नहीं मानती है तो उन्हें बड़े स्तर पर विरोध झेलना पड़ेगा. चुनाव से पहले हमलोग बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश से इस्तीफा दे देंगे."-मिथलेश कुमार राय, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश मुखिया संघ
जनता का काम कैसे करें?जिला पार्षद संघ अध्यक्ष विश्वजीत दीपांकर ने कहा कि सरकार त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों से भेदभाव करती है. सरकार अगर हम लोगों के अधिकार को नहीं दे सकती है तो हम लोगों का चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं बनता है. जिला परिषद, मुखिया, सचिव सभी से जनता को भरोसा होता है. जब अधिकार ही नहीं मिलेगा तो फिर हम जनता के कामों को कैसे कर पाएंगे.