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दहकते अंगारों पर या हुसैन की सदाओं के साथ मातम, गहवारे की जियारत आज - muharram 2024

मोहर्रम की पांचवी तारीख (Muharram in Lucknow) शुक्रवार को इमाम हुसैन की शहादत की याद में लखनऊ के विभिन्न मस्जिदों में मजलिसें हुईं और अजादारों ने मातम किया. शनिवार को इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम बेटे जनाबे अली असगर की याद में निशानी गहवारे की जियारत कराई जाएगी.

आग पर मातम करते अजादार.
आग पर मातम करते अजादार. (Photo Credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 8:03 AM IST

लखनऊ :मोहर्रम की पांच तारीख शुक्रवार को हजरतगंज स्थित इमामबाड़ा शाहनजफ में अजादारों ने दहकते हुए अंगारों पर या हुसैन की सदाएं बुलंद करते हुए मातम किया. अंजुमन मासूमिया असगरिया की ओर से इमामबाड़े में आग पर मातम से पहले हुई मजलिस को मदरसा नाजमियां के प्रिंसिपल मौलाना फरीदुल हसन ने खिताब किया.

आग पर मातम करते अजादार. (Photo Credit-Etv Bharat)


मजलिस को खिताब करते हुए इमाम हुसैन की शहादत के बाद ख्यामे हुसैनी में यजीदी फौज के आग लगाने का मंजर बयान किया. जिसे सुन अजादार बेकरार हो उठे. मजलिस के बाद अजादारों ने दहकते हुए अंगारों पर या हुसैन की सदा बुलंद करते हुए मातम किया. सआदतगंज के कश्मीरी मोहल्ला स्थित मस्जिद आमली के परिसर में अजादारों ने आग पर मातम किया. मातम से पहले हुई मजलिस को मौलाना अख्तर हुसैन नकवी ने खिताब किया. मजलिस के बाद अजादारों ने आग पर मातम कर कर्बला के शहीदों को अपना नजराना पेश किया.

मजलिस को खिताब करते मौलाना. (Photo Credit-Etv Bharat)


शाहनजफ इमामबाड़े में मजलिस को मौलाना सैयद फरीदुल हसन खिताब फरमाया. उन्होंने इमाम हुसैन की शहादत बयां की तो अजादार रोने लगे. इमामबाड़ा गुफ़रानमआब में अशरा ए मुहर्रम की पांचवी मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने ख़िताब करते हुए अहले सुन्नत की किताबों से अहलेबैत (अ.स) की अज़मत को बयान किया. मौलाना ने हदीसे सक़लैन पर गुफ़्तुगू करते हुए कहा कि हदीसे सक़लैन में कुछ मुसलमान मुहद्देसीन ने 'किताब उल्लाह' के बाद 'सुन्नाती' का इज़ाफ़ा कर दिया और 'इतरती व अहलोबैती' को हटा दिया गया.

मजलिस को खिताब करते मौलाना. (Photo Credit-Etv Bharat)



गहवारे की जियारत औैर आग पर मातम आज :इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम बेटे जनाबे अली असगर की याद में शनिवार छह मोहर्रम को जनाबे अली असगर की निशानी गहवारे की जियारत कराई जाएगी. तहसीनगंज स्थित जामा मस्जिद में मगरिब की नमाज के बाद अजादारों को गहवारे की जियारत कराई जाएगी. वहीं आसिफी इमामबाड़े में अजादार रात 8 बजे दहकते हुए अंगारों पर मातम करेंगे.

उलेमा ने नबी की शान को बयां किया

मरकजी जमीयतुल हुफ्फाज की ओर से अकबरी गेट स्थित मस्जिद एक मीनारा में हाफिज अब्दुर्रशीद की अध्यक्षता में आयोजित जलसा शोहदा किराम के पांचवें जलसे का आगाज कारी मोहम्मद अफ्फान ने तिलावते कलामे पाक से किया. जलसे को खिताब करते हुए हाजी कारी मोहम्मद सिद्दीक ने कहा कि रसूल की लाई शरीयत सारी इंसानियत के लिए रहमत है. उन्होंने कहा कि इस्लाम ने पूरी इंसानी बिरादरी को बिना धर्म के भेद इतनी अहमियत दी कि एक शख्स के कत्ल को पूरी इंसानियत का कत्ल करार दिया.

कारी सिद्दीक ने कहा कि इस्लाम ने तमाम इंसानों के साथ उख्वत, रहमो-करम, हमदर्दी, रवादारी, अदल-इंसाफ की तालीम दी है. इस्लाम हर किस्म के तशद्दुद और दहशतगर्दी का बड़ा विरोधी है. इस्लाम ने जोर-जुल्म, जबरदस्ती फितना व फसाद, कत्ल, खूंरेजी को सख्त गुनाह और भयानक जुर्म करार दिया.


इस्लामिक सेंटर ऑॅफ इंडिया की ओर से ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले नमाजियों को आल इंडिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मुश्ताक ने खिताब किया. मौलाना ने कहा कि कुरान दुनिया की ऐसी अकेली किताब है जिसके अक्षर और आयतों में क्या इसके जेर-जबर और नुक्तों में भी कोई बदलाव नहीं कर सकता. इसकी हिफाजत की जिममेदारी खुदा ने ली है. उन्होंने कहा कि खुशकिस्मत हैं वह लोग जिन्होंने अपने सीनों में कलामे पाक को महफूज कर रखा है. दुनिया और आखिरत में वह लोग बेहतरीन इज्जत और मर्तबा हासिल करेंगे. जिन्होंने अपनी तमाम सलाहियतों को कलामे पाक की तालीम, तब्लीग और इशाअत के लिए लगा रखा है. कुरान हर इंसान के लिए जिंदगी और हर दिल के लिए रोशनी है.

आज सहाब ए रसूल के तरीके बयान करने की जरूरत :मौलाना अजहर मदनी मजलिस तहफ्फुजे मिल्लत की ओर से रकाबगंज के शौकत अली हाता स्थित अब्दुल शकूर हॉल में आयोजित शोहदा ए इस्लाम के जलसे को शुक्रवार को मौलाना अजहर मदनी ने खिताब किया. जलसे को खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने अपने नबी को बड़े-बड़े मोजिजे और ऐसे साथी अता फरमाए जो इंसानों में सबसे मुमताज थे. उन्होंने सहाब ए कराम की सिफात का जिक्र किया. नबी ने अपने सहाबा में वह कमालात पैदा किए जिन पर इंसानी समाज को नाज है. यह नबी की सोबहत की बरकत और बहुत बड़ी नेमत और फजीलत की चीज है.

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