भोपाल:मध्य प्रदेश में सरकार ने गेहूं खरीदी की तैयारियां शुरू कर दी है. इसके साथ ही खरीदी केन्द्रों पर व्यापारियों द्वारा सांठगांठ कर बेचे जाने वाले गेहूं के फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने की भी सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. राज्य सरकार पंजीयन के बाद किसानों के रकबे की जांच करेगा और गड़बड़ी पाए जाने के बाद संबंधित किसानों की सूची पंचायतों में चस्पा की जाएगी. साथ ही संबंधित किसान का रजिस्ट्रेशन कैंसिल भी किया जा सकता है. उधर गेहूं बेचने के बाद पैसा किसानों के खातों में पहुंचने में कोई परेशानी न आए, इसके लिए विभाग 6 लाख से ज्यादा की राशि एक-एक रुपए के रुप में किसानों के खातों में भेजेगी. खाता वेरीफाई होने के बाद ही बाकी राशि भेजी जाएगी.
पहले 1 रुपए, फिर बाकी राशि आएगी
समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को सबसे पहले पंजीयन कराना होता है. पंजीयन के समय किसानों को बैंक खातों की जानकारी और आधार कार्ड की जानकारी देनी होती है. इसके बाद गेहूं बेचने के बाद किसानों को खातों में बेची गई फसल की राशि भेजी जाती है. किसानों द्वारा बेची गई फसल की राशि किसानों के खातों में पहुंच सके, इसके लिए विभाग पंजीयन के दौरान ही किसानों के खातों में 1 रुपए भेजकर उसके खातों का वेरिफिकेशन कराएगा. यदि पैसे संबंधित अकाउंट में नहीं पहुंचते तो अकाउंट को फिर से अपडेट किया जाएगा.