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मोहन यादव सरकार का मास्टर प्लान, 6 लाख किसानों के खातों में डाले जाएंगे इतने पैसे - MOHAN YADAV PAYMENT PLAN

मध्य प्रदेश में बहुत जल्द गेहूं की खरीदी शुरू हो जाएगी.मोहन यादव सरकार 6 लाख से ज्यादा की राशि भेजकर किसानों के खाते वेरिफाई कराएगी.

MOHAN YADAV PAYMENT PLAN
मोहन यादव सरकार का मास्टर प्लान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 3:35 PM IST

भोपाल:मध्य प्रदेश में सरकार ने गेहूं खरीदी की तैयारियां शुरू कर दी है. इसके साथ ही खरीदी केन्द्रों पर व्यापारियों द्वारा सांठगांठ कर बेचे जाने वाले गेहूं के फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने की भी सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. राज्य सरकार पंजीयन के बाद किसानों के रकबे की जांच करेगा और गड़बड़ी पाए जाने के बाद संबंधित किसानों की सूची पंचायतों में चस्पा की जाएगी. साथ ही संबंधित किसान का रजिस्ट्रेशन कैंसिल भी किया जा सकता है. उधर गेहूं बेचने के बाद पैसा किसानों के खातों में पहुंचने में कोई परेशानी न आए, इसके लिए विभाग 6 लाख से ज्यादा की राशि एक-एक रुपए के रुप में किसानों के खातों में भेजेगी. खाता वेरीफाई होने के बाद ही बाकी राशि भेजी जाएगी.

पहले 1 रुपए, फिर बाकी राशि आएगी

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को सबसे पहले पंजीयन कराना होता है. पंजीयन के समय किसानों को बैंक खातों की जानकारी और आधार कार्ड की जानकारी देनी होती है. इसके बाद गेहूं बेचने के बाद किसानों को खातों में बेची गई फसल की राशि भेजी जाती है. किसानों द्वारा बेची गई फसल की राशि किसानों के खातों में पहुंच सके, इसके लिए विभाग पंजीयन के दौरान ही किसानों के खातों में 1 रुपए भेजकर उसके खातों का वेरिफिकेशन कराएगा. यदि पैसे संबंधित अकाउंट में नहीं पहुंचते तो अकाउंट को फिर से अपडेट किया जाएगा.

एमपी में जल्द शुरू होने वाली गेहूं की खरीदी (ETV Bharat)

इसके लिए किसानों से कहा गया है कि अकाउंट को आधार नंबर और मोबाइल से लिंक जरूर करा लें. किसानों को अपना अकाउंट अपडेट कराना होगा. साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि जनधन खाता, संयुक्त बैंक खाता, फिनो, एयरटेल, पेटीएम बैंक खातों पंजीयन में अमान्य माने जाएंगे. किसान पंजीयन केन्द्रों पर ही अपने मोबाइल नंबर और बायोमेट्रिक अपडेट करा सकेंगे. प्रदेश में पिछले साथ 6 लाख 16 हजार किसानों से 48 लाख टन गेहूं का उपार्जन किया था.

अकाउंट में आएंगे गेहूं खरीदी के पैसे (ETV Bharat)

पंजीयन के बाद डाटा होगा वेरीफाई

उधर व्यापारी किसानों से सांठगांठ कर बाहरी गेहूं समर्थन मूल्य पर न बेच सकें, इसके लिए भी विभाग सतर्क हो गया है. किसानों द्वारा कराए जाने वाले पंजीयन के बाद विभाग किसानों के रकबे और बोई गई फसलों का सत्यापन कराएगा. इसके लिए तहसीलदार और एसडीएम को 1 फरवरी से 7 अप्रैल तक का समय दिया गया है. इसमें देखा जाएगा कि गिरदावरी में दर्ज फसल, कुल रकबे और बोई गई फसल में उत्पादन में कितना अंतर है. यदि ज्यादा अंतर पाया गया तो संबंधित किसानों की सूची पंचायतों में चस्पा की जाएगी और इसमें संशोधन कराया जाएगा.

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