भोपाल: मध्य प्रदेश से मानसून विदा होने वाला है. प्रदेश के 35 जिलों से बारिश की विदाई पहले ही हो चुकी है. आखिरी दौर में मध्यप्रदेश के 21 जिलों को मानसून तरबतर कर सकता है. वहीं 15 अक्टूबर के बाद मध्यप्रदेश से मानसून की पूरी तरह से विदाई हो जाएगी. हालांकि अभी तीन दिन तक नमी बनी रहेगी. 12 अक्टूबर तक जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में हल्की बारिश हो सकती है. इसके बाद प्रदेश का मौसम साफ रहेगा.
ग्वालियर-चंबल संभाग से शुरु होगी ठंड की दस्तक
15 अक्टूबर को मानसून की विदाई के बाद मौसम में बदलाव होगा. अगले 5 से 6 दिनों में गुलाबी ठंड पड़ना शुरु हो जाएगी. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 20 से 21 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश में गुलाबी ठंड का आगमन होगा. उत्तर भारत से होते हुए सबसे पहले ठंड की दस्तक ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में होगी. इसके बाद करीब एक सप्ताह बाद यानि दीपावली से पहले पूरे प्रदेश में ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी.
नवंबर से शुरू होगी कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मानसून की विदाई के बाद हिमालय में बर्फबारी शुरू हो जाएगी. जिससे ठंडी हवाएं निचले मैदानों की ओर आगे बढ़ेंगी. उत्तर भारत होते हुए यह मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में प्रवेश करेगी. इसके बाद 31 अक्टूबर तक ठंड पूरे प्रदेश का अपने चपेट में ले लेगी. इसके बाद 1 नवंबर से धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगेगी. मौसम वैज्ञानिक डॉ वेद प्रकाश सिंहने बताया कि "ठंड कितनी पड़ेगी इसका आंकलन अगले एक सप्ताह बाद ही किया जा सकता है. इसलिए नवंबर महीने में ही पता चलेगी कि कितनी ठंड पड़ने वाली है."
ला नीना के कारण उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अक्टूबर के आखिरी और नवंबर के पहले सप्ताह से ला नीना के एक्टिव होने की संभावना अधिक है. यदि ऐसा हुआ तो इससे तापमान में गिरावट आएगी. सर्दियों में तेज बारिश हो सकती है. ला नीना के दौरान पूर्वी हवाएं समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं. जिससे उत्तर भारत, उत्तर पश्चिमी भारत और इसके आसपास के क्षेत्रों के तापमान में तेजी से गिरावट होगी. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है.