भोपाल। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवातीय परिसंचरण के रुप में अफगानिस्तान के ऊपर मध्य समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर की उचाई पर है. साथ ही चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण पूर्व राजस्थान के ऊपर मध्य समुद्र तल से 1.5 किलामीटर उंचाई पर सक्रिय है. ऐसे में मौसम विभाग ने एमपी के नौ जिलों में आंधी-तूफान के साथ ओले और बिजली गिरने का रेड अलर्ट जारी किया है. इधर भोपाल में बुधवार दोपहर तक तेज धूप रही, लेकिन तीन बजे के बाद मौसम में ठंडक आ गई. तेज गरज-चमक के साथ बरसात हुई और ओले गिरे.
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार गुरुवार सुबह 8:30 बजे तक एमपी के नौ जिलों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने के साथ तेज आंधी-तूफान आ सकता है. इनमें भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और पांर्ढुना जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं भोपाल में बुधवार को गरज-चमक के साथ तेज बारिश का दौर भी शुरू हो गया. पुराने शहर और करोंद क्षेत्र में ओले भी गिरे.
फसलें बर्बाद होने की आशंका
अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है. इस वजह से प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्र के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा का सिलसिला जारी है. बेमौसम वर्षा से तपिश से तो राहत मिल गई है, लेकिन यह मौसम किसानों के लिए आफत से कम नहीं है. इससे खेतों में कटकर रखी फसल के बर्बाद होने की आशंका है.
प्रदेश के अधिकतर जिलों में हो रही वर्षा
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि 'वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास बना हुआ है. राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है. मध्य महाराष्ट्र पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है. इसके अतिरिक्त दक्षिणी गुजरात से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है. इन मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी एवं पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है. मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन दिन तक बना रह सकता है.