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मध्यप्रदेश विधानसभा के चौथे दिन 7 महत्वपूर्ण विधेयक पारित, खाद संकट को लेकर कांग्रेस ने किया बवाल - MP VIDHANSABHA SESSION 4TH DAY

नगर परिषद, माल सेवा कर, स्कूल फीस, जनप्रतिनिधियों के वेतन समेत कई विषयों से जुड़े विधेयक पारित, वॉक आउट के बाद फिर लौटे कांग्रेस विधायक.

MP VIDHANSABHA SESSION 4TH DAY
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 12 hours ago

Updated : 12 hours ago

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन 7 महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के बाद उन्हें पारित कर दिया गया. इनमें मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस व संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक 2024 समेत अन्य विधेयक शामिल हैं. इधर सदन में कांग्रेस विधायकों ने किसानों के खाद संकट को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं संसद में बाबा साहब अंबेडकर को लेकर केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी के मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिघार ने माफी मांगने की मांग की. साथ ही लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह द्वारा राहुल गांधी को दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस विधायक सदन से वाक आउट कर गए. हालांकि, कुछ देर बाद फिर वापस सदन में लौट आए.

खाद संकट और नकली खाद पर चर्चा

शाम 6 बजे के बाद सदन में किसानों के खाद संकट पर चर्चा शुरु हुई. इसमें कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा, '' मालवा निमाड़ क्षेत्र में किसानों को पानी तो मिल रहा है. लेकिन उनको खेती करने के लिए पर्याप्त खाद नहीं मिल रही है, जिससे किसानों की लंबी लाइनें लग रही हैं.'' वहीं कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा, '' लंबे समय से हमारे देश का किसान हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर जमा हैं. उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. आप कहते हैं कि खेती को लाभ का धंध बनाएंगे. लेकिन प्रदेश में एक बोरी खाद के लिए किसान को अधिकारी के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. किसानों को प्रदेश में नकली खाद मिल रही है. ऐसे लोगों को सत्तापक्ष का संरक्षण मिल रहा है.''

मध्य प्रदेश विधानसभा (Etv Bharat)

3 साल से पहले नहीं हटेंगे नगर पालिका अध्यक्ष

मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम द्वितीय संशोधन विधेयक 2024 को सदन में मंजूरी मिल गई है. अब नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष को 3 साल से पहले नहीं हटाया जा सकेगा. यानी इनके खिलाफ 3 साल से पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा. अब तक यह सीमा 2 साल थी. वहीं अब अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए तीन चौथाई सदस्यों की जरुरत होगी. अब तक अविश्वास प्रस्ताव के लिए दो तिहाई बहुमत की जरुरत होती थी. इसके साथ ही नगर पालिका निगम और परिषद के अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा.

निजी स्कूलों के खिलाफ सुनवाई के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था

मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक 2024 को पारित करने से पहले इस पर सदन में पर्याप्त चर्चा हुई. पक्ष और विपक्ष के आठ से अधिक विधायकों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया. कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि इस बिल में 25 हजार रु से कम फीस वाले निजी स्कूलों को शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में स्कूल वाला यदि 50 हजार रु फीस लेता है, तो वह ट्यूशन फीस 25 हजार रु दिखाएगा, जबकि बाकी खर्च किसी अन्य मद में दिखा देगा. इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इस बिल में संशोधन के बाद निजी स्कूल द्वारा बच्चों से ली जाने वाले ट्रांसपोर्टेशन शुल्क को भी फीस में जोड़ा गया है. हम स्कूलों के खिलाफ सुनवाई के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था बना रहे हैं.

एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों को समय पर मिले स्कालरशिप

चर्चा के दौरान फूल सिंह बरैया ने कहा कि जब एससी, एसटी या ओबीसी का कोई छात्र कालेज में एडमिशन लेता है, तो संचालक उससे कहता है कि तुम फीस मत देना स्कालरशिप दे देना. लेकिन जब इन बच्चों को समय पर स्कालरशिप नहीं मिलती तो कालेज संचालक ऐसे बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने देता है. बरैया ने कहा कि सरकार को एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के विद्यार्थियों को समय पर स्कालरशिप दिया जाना चाहिए, जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावट न आए.

नगर पालिक के विधेयक से नेता प्रतिपक्ष असहमत

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, '' नगर पालिका के विधेयक में संशोधन से पहले हर धारा और उपधारा पर चर्चा होनी चाहिए. इसके अंदर काफी पेचीदिगियां हैं. आप घर बनवाने के लिए ऑनलाइन परमिशन की बात करते हैं लेकिन इसके लिए लोगों को अधिकारियों के कितने चक्कर लगाने पड़ते हैं. एक पेड़ काटने के लिए ही लोगों को नगर निगम के आयुक्त से बात करनी पड़ती है. ऐसे में इस बिल में संशोधन से पहले इसे प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिए, फिर इस पर विचार होना चाहिए.''

विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष खुद भरेंगे आयकर

मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक 2024 को भी पारित कर दिया गया है. इसके तहत अब विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का इंनकम टैक्स सरकार नहीं भरेगी. उनको खुद अपना इनकम टैक्स भरना पड़ेगा. इसके पहले तक विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का टैक्स सरकार देती थी.

विधानसभा में ये विधेयक हुए पारित

  • मध्यप्रदेश माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक 2024
  • मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक 2024
  • मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक 2024
  • मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम संशोधन विधेयक 2024
  • मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम द्वितीय संशोधन विधेयक 2024
  • मध्यप्रदेश जन विश्वास उपबंधो का संशोधन विधेयक 2024
  • मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक 2024

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