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सिंहस्थ से पहले फर्राटा भरेगी इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन, लग्जरी यात्रा ले सकेंगे मजा - MADHYA PRADESH METRO PROJECT UPDATE

मध्य प्रदेश के यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले इंदौर-उज्जैन मेट्रो पटरियों पर दौड़ सकती है.

MADHYA PRADESH METRO PROJECT UPDATE
सिंहस्थ से पहले पटरियों पर फर्राटा भरेगी इंदौर-उज्जैन मेट्रो (Getty Image)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 21, 2024, 7:36 PM IST

Updated : Nov 21, 2024, 7:51 PM IST

भोपाल:सिंहस्थ 2028 से पहले मध्य प्रदेश को इंदौर-उज्जैन रैपिड रेल की सौगात मिल सकती है. बता दें कि 2022-23 में दिल्ली मेट्रो यानि डीएमआरसी के द्वारा फिजिबिलिटी (मतलब व्यवहार्यता) स्टडी भी की जा चुकी है. अब इंदौर-उज्जैन मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है. यदि अगले साल मार्च-अप्रैल तक सारी मंजूरी मिल जाती है, तो सिंहस्थ में लोग इंदौर से सीधे महाकाल के दर्शन करने पहुंच सकेंगे.

इंदौर से उज्जैन की 55 किलोमीटर होगी संभावित दूरी

इंदौर-उज्जैन मेट्रो की डीपीआर यानि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीएमआरसी बना रही है. इसके पहले डीएमआरसी ने साल 2022-23 में इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार की थी. अब इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंपा गया है. इंदौर से उज्जैन की सड़क मार्ग से दूरी करीब 55 किलोमीटर है. इंदौर-उज्जैन रैपिड रेल का कॉरिडोर भी इसी के आसपास बनेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि इंदौर से उज्जैन की संभावित दूरी भी 55 किलोमीटर के आसपास हो सकती है.

जल्द चलेगी इंदौर-उज्जैन मेट्रो (ETV Bharat)

इंदौर से उज्जैन के बीच बनेगा एक स्टेशन

डीएमआरसी द्वारा बनाई जा रही डीपीआर में यह ध्यान रखा जा रहा है, कि इसे एलिवेटेड कॉरिडोर को बनाने में कम खर्च आए. ऐसे में इस रूट पर केवल 3 मेट्रो स्टेशन ही बनेंगे, क्योंकि मेट्रो रेल के संचालन में सबसे अधिक खर्च मेट्रो स्टेशन बनाने का ही आता है. बता दें कि बीते 8 सितंबर को इंदौर में आयोजित एक बैठक में इंदौर-उज्जैन मेट्रो चलाने की बात कही थी. जिसके बाद डीएमआरसी ने डीपीआर बनाने का काम तेज कर दिया है.

1500 करोड़ रुपये खर्च की संभावना

राज्य सरकार सिंहस्थ 2028 से पहले इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन चलाना चाहती है. ऐसे में यदि मार्च-अप्रैल 2025 में काम शुरु होता है, तो अगले 3 सालों में काम पूरा करना होगा. इसमें 1500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. अभी इंदौर से उज्जैन तक आवागमन करने वाले 75 प्रतिशत लोग सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इंदौर-उज्जैन मेट्रो चलने से लोगों के समय की बचत होगी और सड़क मार्ग का एक तिहाई ट्रैफिक कम हो जाएगा.

Last Updated : Nov 21, 2024, 7:51 PM IST

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