जबलपुर।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्रायबल वेलफेयर विभाग को हाईस्कूल शिक्षकों की भर्ती संबंधी रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिये हैं. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायाधीश विनय सराफ की युगलपीठ ने इसके लिये 4 सप्ताह की मोहलत दी है. इसके साथ ही युगलपीठ ने पूछा है कि ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं, जिन्हें स्नातकोत्तर में 45 से 50 फीसदी अंक प्राप्त हैं और उन्हें नियुक्ति दी गई है. मामले पर अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी.
विश्वविद्यालयों में पास की श्रेणी में भिन्नता
मामले के अनुसार जबलपुर निवासी अवनीश त्रिपाठी, रायसेन के प्रदीप अहिरवार, राजस्थान के हुसैन मोहम्मद सहित अन्य की ओर से यह मामले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर किये गए. इसमें कहा गया है कि प्रदेश में अलग-अलग विश्वविद्यालयों में द्वितीय व तृतीय श्रेणी में विभेद है. कुछ विवि में 35 से 45 प्रतिशत को तृतीय श्रेणी और 45-50 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना गया है. वहीं कुछ विवि में 35 से 50 प्रतिशत को द्वितीय और 50 से 59 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना गया है.
ALSO READ: |