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सीआर पेश नहीं करने से जूनियर को पहले मिला प्रमोशन, हाई कोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना

MP High Court news : ऊर्जा विभाग में जिम्मेदारों की लापरवाही से सीआर पेश नहीं की गई. नतीजन कर्मचारी की वरिष्ठता प्रभावित हुई. हाई कोर्ट ने इस मामले में जिम्मेदारों पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका.

mp high court news
सीआर पेश नहीं करने से जूनियर को पहले मिला प्रमोशन

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 7:21 PM IST

जबलपुर।सीआर प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण जूनियर को पहले प्रमोशन प्रदान कर दिया गया. सीआर प्रस्तुत करने पर उसे प्रमोशन तो मिला लेकिन उसकी वरिष्ठता प्रभावित हो गयी. इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिकाकर्ता को वरिष्ठता सहित अन्य लाभ प्रदान करने के आदेश दिये हैं. एकलपीठ ने विभाग पर एक लाख की कॉस्ट लगाते हुए उक्त राशि याचिकाकर्ता को वाद व्यय के रूप में प्रदान करने के आदेश भी जारी किए हैं.

याटिका में ये हवाला दिया

याचिकाकर्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसकी नियुक्ति सितम्बर 1977 में ऊर्जा विभाग में टेस्टिंग असिस्टेंट ग्रेड 2 में पद पर हुई थी. इसके बाद उसे साल टेस्टिंग अस्सिटेंट ग्रेड 1 के पद पर प्रमोशन मिला था. उसकी पदस्थापना ट्रांसमिशन कंपनी में कर दी गयी थी. प्रमोशन के लिए अक्टूबर 2010 में विभागीय डीपीसी आयोजित की गयी थी. उनकी वरिष्ठता क्रम सात था परंतु सीआर रिपोर्ट नहीं होने के कारण वरिष्ठता क्रम में 21 तथा 40 वां स्थान रखने वालों को प्रमोशन प्रदान किया गया.

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देर से मिल सका प्रमोशन

याचिका में बताया गया कि सीआर प्रस्तुत करने के बाद उसे नवम्बर 2010 को प्रमोशन प्रदान किया गया. इस कारण उसके जूनियर उससे वरिष्ठ हो गये. इस संबंध में उसने विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया था. विभाग द्वारा न्याय उचित कारण बताये बिना ही उसके अभ्यावेदन को खारिज कर दिया. जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है. एकलपीठ ने उक्त निर्देश जारी करते हुए अपने आदेश में कहा है कि सीआर प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी विभाग की थी. विभाग की गलती से याचिकाकर्ता को देर से प्रमोशन मिला था, जबकि उसकी कोई गलती नहीं थी.

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