भोपाल। मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में उच्च पदों पर सालों से ऐसे कर्मचारी कब्जा किए हुए हैं जिनके पास पर्याप्त योग्यता नहीं है. इन पदों पर जमे कर्मचारियों को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया है. इसके अनुसार दूसरे विभाग और निम्न श्रेणी के कर्मचारियों को उनके मूल पद के अनुसार ही पदस्थापना की जाएगी. दरअसल अभी नगर निगमों में जोनल अधिकारी और सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों के पद पर निम्न श्रेणी या अन्य विभाग के कर्मचारियों को अटैच किया गया है, जिनके पास पद के अनुसार पर्याप्त योग्यता नहीं है.
ये दिया है हाईकोर्ट ने आदेश
हाईकोर्ट जबलपुर में भोपाल नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर राजकुमार मैना ने याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों के पद पर सेनेटरी इंस्पेक्टर को नियुक्त करने की अपील की थी. इस मामले में कोर्ट ने आदेश दिया कि"15 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता के मामले में कानून के अनुसार विचार करें और निर्णय लें. यदि याचिकाकर्ता को उसके पदानुसार काम सौंपने में कोई परेशानी है तो उसका कारण बताया जाए. तय समय के भीतर याचिकाकर्ता को भी इसकी सूचना दें. यह स्पष्ट किया जाता है कि सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर रहते हुए याचिकाकर्ता को सहायक स्वास्थ्य अधिकारी के पद के कर्तव्यों को निभाने से तब तक वंचित नहीं किया जा सकता, जब तक कि कोई विशेष कारण न हो".
नगर निगम में अभी ये है स्थिति
भोपाल नगर निगम की बात करें तो वर्तमान में 21 जोन में से करीब 70 प्रतिशत जोन क्षेत्र में निम्न श्रेणी लिपिक,कामगार,दरोगा और इसी प्रकार निम्न श्रेणी के कर्मचारियों की तैनाती की गई है साथ ही दूसरे विभाग के कर्मचारियों को भी सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों का प्रभार दिया गया है.
पद अनुसार काम देने से होगा सुधार
नगरीय निकायों में जोनल अधिकारी और सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों के पद पर योग्य कर्मचारियों के होने के बावजूद कम योग्य लोगों को तैनात किया गया है. यदि इनकी योग्यता के अनुसार काम मिले तो निगम की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा. अभी राजस्व वसूली का जिम्मा जोनल अधिकारियों के पास है लेकिन ये इस पद के योग्य नहीं हैं, जिससे वसूली पिछड़ रही है. इसी प्रकार सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों का काम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाना है, लेकिन शहर में ठीक से सफाई नहीं होती,जगह-जगह कचरे के ढेर देखने मिल जाएंगे.