शहडोल।मध्य प्रदेश के 11 जिलों में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चला. इन जिलों में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने घर-घर जाकर दवाओं का सेवन कराया. ब्लड सैंपल लिए. इन 11 जिलों में शहडोल संभाग का उमरिया जिला भी है. उमरिया जिले के मलेरिया कंसलटेंट रवि साहू बताते हैं कि 10 फरवरी से 23 फरवरी तक यह राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन का कार्यक्रम चला. उन्मूलन कार्यक्रम में 2 साल से अधिक उम्र के लोगों को दवा का सेवन कराई गई. सिर्फ गर्भवती महिला, गंभीर पीड़ित व्यक्ति, गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर दवा का सेवन कराया गया.
उमरिया जिले में फाइलेरिया के 54 मरीज मिले
रवि साहू बताते हैं कि उमरिया जिले में अभी फाइलेरिया के 54 पेशेंट हैं, जो लिम्फेडेमिक पेशेंट है, मतलब जिनको फाइलेरिया हो गया है. जिनके पांव हाथी पांव की तरह हो गए हैं. उमरिया जिले में नाइट बेड सर्वे आठ साइट पर किया गया. 22 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. उन 22 पॉजिटिव व्यक्तियों का 12 दिन रेडिकल ट्रीटमेंट किया गया. रेडिकल ट्रीटमेंट हो जाने के बाद ये लोग पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे.
शहडोल जिले में भी 17 केस लेकिन कोई अभियान नहीं
लेकिन सवाल ये भी उठता है कि क्या इन 11 जिलों के अलावा किसी और जिले में ये रोग नहीं है. शहडोल जिले में ही फाइलेरिया के 17 केस हैं. इनमें लक्षण दिखाई देने लग गए हैं. जब फाइलेरिया के केस यहां है तो फिर जांच क्यों नहीं कराई जा रही है. यहां दवा का वितरण क्यों नहीं कराया गया. वहीं, जिम्मेदारों का कहना है कि प्रदेश लेवल से ऐसी कोई निर्देश ही प्राप्त नहीं हुए. बता दे कि साल 2022 और 2023 में शहडोल जिले में फाइलेरिया को लेकर सैंपल लिए गए थे. जांच की गई थी तो यहां पर नाइट ब्लड सर्वे के दौरान माइक्रो फाइलेरिया के कई केस पाए गए. दो केस में दवा देकर ठीक कर दिया गया. लेकिन इस साल शहडोल जिले में इसके लिए कोई जांच नहीं की जा रही है.