जबलपुर (PTI)। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.वी.मलिमथ ने रविवार को 1,199.75 करोड़ रुपये की लागत से जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में हाईकोर्ट की बुनियादी ढांचे के विकास की आधारशिला रखी. इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा "बुनियादी ढांचे की कमी के अलावा नामित न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि नहीं होने के कारण केस पेंडिग हो रहे हैं. दीर्घकालिक दृष्टिकोण के बिना लंबित मामलों का समाधान नहीं किया जा सकता. केस पेंडेसी से वादियों को परेशानी बढ़ती है."
एमपी हाईकोर्ट में जजों की संख्या होगी 121
चीफ जस्टिस ने कहा "भविष्य में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 121 हो जाएगी. जबलपुर में मुख्यपीठ में 60 और इंदौर और ग्वालियर पीठ में 30-30 न्यायाधीश शामिल होंगे. हमें वादियों की जरूरतों को अपनी जरूरतों से पहले रखना चाहिए. मैं आपमें से प्रत्येक से खुद को एक वादी की जगह पर रखने का आग्रह करता हूं, जो न्याय पाने के लिए दशकों से इंतजार कर रहा है. ऐसे वादियों की दुर्दशा अकल्पनीय है."
ग्वालियर जिला न्यायालय परिसर बनने में लगे 16 साल
चीफ जस्टिस ने कहा "ग्वालियर में जिला न्यायालय परिसर को पूरा होने में 16 साल लगे. पूरा होने का अनुमानित समय 36 महीने था और परियोजना को 19.72 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी. काफी तेजी से काम करने के बाद यह परियोजना पिछले महीने पूरी हो गई. पूरा होने पर कॉम्प्लेक्स की लागत 100 करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक थी. मुझे उम्मीद है कि इन इमारतों को बनने में उतना समय नहीं लगेगा. जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में ये नई संरचनाएं न्याय प्रदान करने में सहायता के लिए हैं."