भोपाल: वर्तमान में थर्माकोल कचरे को केवल निर्माण स्तर पर ही रीसायकल किया जाता है. जबकि लोगों के घरों में अत्याधिक मात्रा में थर्माकोल निकलता है. यह नगर निगम की गाड़ियों से लैंडफिल साइट भेजा जाता है. लेकिन वहां भी इसका निस्तारण नहीं हो पाता और थर्माकोल का यह कचरा नष्ट भी नहीं होता. वहीं जलाशयों में भी यह पानी को दूषित करता है. यदि यह कचरा जलाया जाता है, तो इससे कैंसरकारी धुंआ निकलता है. अब इससे निपटने के लिए भोपाल में प्रदेश का पहला थर्माकोल रीसाइक्लिंग प्लांट लगाया जा रहा है. जिससे पुराने और कचरे में फेंके गए थर्माकोल से भी कमाई हो सकेगी.
स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी संचालन
महापौर मालती राय ने बताया कि, ''भोपाल में विकास योजनाओं के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड यानि सीएसआर फंड से राशि जुटाई जा रही है. इसी से भोपाल में थर्माकोल रीसाइक्लिंग प्लांट का निर्माण किया जाएगा. इसका संचालन स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी. जो थर्माकोल लोग घर के बाहर कचरे में फेंक देते हैं, बाद में यही कचरा जल और जमीन को दूषित करता है. अब इस वेस्ट थर्माकोल से भी कमाई हो सकेगी. इससे कंपनियों के आर्डर अनुसार थर्माकोल के विभिन्न प्रोडक्ट बनाए जाएंगे.''
आर्टिफिशियल ज्वेलरी व अन्य उत्पाद बनेंगे
नगर निगम भोपाल के अधीक्षण यंत्री उदित गर्ग ने बताया कि, ''शहर में हर साल 10 टन से अधिक थर्माकोल कचरे से निकलता है, जो सामान्य कचरे के साथ रहता है. अब इसको कचरे से अलग कर इसे रीसाइक्लिंग प्लांट भेजा जाएगा. थर्माकोल को रिसाइकल करने के बाद उससे कई उपयोगी सामान बनाए जाएंगे. इससे आर्टिफिशल ज्वेलरी, मोती, डेकोरेशन, सर्टिफिकेट के बार्डर, हैंगर, आर्टिफिशल दाना जैसे अन्य सामान बनाए जाएंगे. यह योजना सीएसआर फंड से पूरी की जाएगी. साथ ही इससे स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिलेगा.''