भोपाल।आज से ठीक 20 दिन बाद एमपी की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान हो जाएगा. पहले चरण में आने वाली इन सीटों में हाई प्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा के अलावा महाकौशल और विंध्य की ज्यादातर सीटें हैं. जिनमें जबलपुर, शहडोल, सीधी, मंडला और बालाघाट हैं. इन सीटों पर बीजेपी का सबसे ज्यादा जोर जिस एक सीट पर है, वो छिदवाड़ा है. जो बीजेपी की आंधियों में भी पार्टी के हाथ से खिसकती रही. वहीं कमलनाथ के लिए भी भी इस चुनाव में ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. इस सीट से उनके बेटे नकुलनाथ दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
पहले फेज की वो 6 सीटें, जहा बीजेपी-कांग्रेस का सबसे बड़ा इम्तेहान
पहले चरण में देश में जिन लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, उनमें एमपी के महाकौशल और विंध्य की छह सीटें हैं. जिस सीट पर बीजेपी लोकसभा चुनाव के काफी पहले से मशक्कत कर रही है. छिंदवाड़ा सीट पर भी पहले चरण में ही वोटिंग हो जाएगी. इन छह सीटों में छिंदवाड़ा को छोड़कर पांच सीटें बीजेपी का मजबूत गढ़ रही हैं. खास बात ये है कि इनमें से कुछ सीटों पर बीजेपी ने इस बार चेहरे बदले हैं, तो कांग्रेस ने भी प्रयोग किए हैं. मसलन जबलपुर सीट पर लगातार कमल खिलाते रहे राकेश सिंह को पार्टी ने विधानसभा के मैदान में उतार दिया. कमोबेश यही स्थिति सीधी में रीति पाठक के साथ हुई. हालांकि मंडला ने फिर फग्गन सिंह कुलस्ते पर ही दांव लगाया है. जबकि वे विधानसभा का चुनाव हार गए थे.
छिंदवाड़ा में कमल या कमलनाथ
छिंदवाड़ा में इस बार का लोकसभा चुनाव ऐतिहासिक है. इस लिहाज से कि ये कमलनाथ के चालीस साल के राजनीतिक जीवन का सबसे मुश्किल चुनाव है. ये वो चुनाव है, जब कमलनाथ के दाएं हाथ दीपक सक्सेना से लेकर कांग्रेस पार्टी से पहले उनकी फौज के सिपाही विधायक कमलेश शाह को बीजेपी अपने पाले में ले चुकी है. छिंदवाड़ा में कमोबेश कमलनाथ की ताकत को कमजोर करने में बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. जिला जनपद की तमाम फौज कांग्रेस छोड़ चुकी है. ये पहला चुनाव है, जिसमें कमलनाथ को अपनी चालीस साल की राजनीति का वास्ता छिंदवाड़ा के वोटर को देना पड़ रहा है.
सीधी में रीति की जीत दोहरा पाएंगे राजेश
सीधी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने रीति पाठक को उतार कर पहले प्रयोग किया था. इस बार राजेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने यहां से पिछड़े वर्ग के नेता कमलेश्वर पटेल का उम्मीदवार बनाया है. कमलेश्वर के लिए भी ये साख का चुनाव है और चुनौती है बीजेपी के गढ़ के ढहाने की भी है.
मोदी की गारंटी के मुकाबले में मास्टर
शहडोल सीट पर निर्णायक वोटर आदिवासी है. बीजेपी की ओर से फिर तो फिर से हिमाद्री सिंह ही उम्मीदवार हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपने ट्रस्टेड और टेस्टेड जीत की हैट्रिक लगा चुके फुंदे लाल मार्को को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहा मार्को के आ जाने से फाइट मजबूत मानी जा रही है. आदिवासी इलाकों में मार्कों की पकड़ मजबूत है.
जबलपुर में नये चेहरे क्या बनेंगे जीत की गारंटी
जबलपुर में भी पार्टी ने चेहरा बदला है. यहां से सांसद रहे राकेश सिंह को विधानसभा मैदान में उतारने के बाद पार्टी ने इस सीट से आशीष दुबे को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबलपुर अब तक बीजेपी की मजबूत जमीन रही है. कांग्रेस ने दिनेश यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.