जबलपुर।विद्युत वितरण कंपनियां लगातार अपनी जिम्मेदारियां कम करने की कोशिश कर रही हैं. एक तरफ महंगे दाम पर बिजली बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ नौकरियों के अवसर खत्म कर रही हैं. बिजली कंपनियों में लंबे समय से कोई भर्ती नहीं हुई है. ज्यादातर बिजली कंपनियां संविदा आधार पर मैनपॉवर एजेंसियों से लोगों की नियुक्तियां करती हैं. एक बार फिर बिजली कंपनियों ने एक नया तरीका निकाला है, जिसमें मीटर रीडिंग करने वाले लोगों की नौकरियां कम होंगी.
वेलफेयर सोसाइटी को डिस्ट्रीब्यूटर बनाने की प्लानिंग
बिजली कंपनियों ने एक नया प्रस्ताव बनाया है. इसके तहत बिजली कंपनियां रेसिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी को डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में नियुक्त करने जा रही हैं. इसको सरल भाषा में समझा जाए तो जिस कॉलोनी में आप रह रहे हैं, उस कॉलोनी को एक कनेक्शन बिजली कंपनी देगी और कॉलोनी अपने स्तर पर हर घर से बिजली बिल का कलेक्शन करेंगी. इसमें इस बात की संभावना भी जताई जा रही है कि डिस्ट्रीब्यूटर को कुछ फायदा भी मिलेगा. इस तरीके से कई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की समिति इस डिस्ट्रीब्यूटरशिप को ले लेंगे और अपने स्तर पर बिजली के बिल कलेक्ट किए जाएंगे. हालांकि अभी यह नियम लागू नहीं हुआ है.
विद्युत नियामक आयोग की साइट पर आपत्ति दर्ज कराएं
वहीं, बिजली मामलों के जानकार सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता मध्य प्रदेश पावर जेनरेशन कंपनी राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि यह प्रस्ताव जनता के हित में नहीं है और इसका विरोध होना चाहिए. विरोध करने के लिए कोई भी आम आदमी विद्युत नियामक आयोग की साइट पर जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है. इस मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को है.
ये प्रस्ताव न जनता के हित में और न कर्मचारियों के
प्रस्ताव के तहत पहले बिजली मीटर की रीडिंग बिजली कंपनी के स्थाई कर्मचारी करते थे. जब कर्मचारियों की संख्या कम हुई तो इस काम को ठेके पर दे दिया गया. अभी भी प्रदेशभर में हजारों की तादाद में बिजली मीटर रीडिंग करने वाले लोग लगे हुए हैं. यदि सीधे कॉलोनी को मीटर दे दिए जाते हैं तो मीटर रीडर की की नौकरी खतरे में आ जाएगी. वहीं दूसरी तरफ कॉलोनी में आपसी झगड़े भी बढ़ेंगे, जिसमें लोग एक-दूसरे पर ज्यादा बिजली खपत करने का आरोप लगाते हुए नजर आएंगे.