भोपाल:मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के हंगामे के बाद 22,460 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित हो गया. अनुपूरक बजट को लेकर बुधवार दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने चर्चा की. इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने अनुपूरक बजट में खामियों को लेकर हंगामा भी किया. वहीं सैनाला से भारत आदिवासी पार्टी यानि बाप के इकलौते विधायक कमलेश्वर डोडियार सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए. वे सैलाना में एक डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने के खिलाफ सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के पास कड़कड़ाती ठंड में मुंह में पट्टी बांधकर बैठे रहे.
4 लाख करोड़ नहीं, ये 2.5 से 3 लाख करोड़ का बजट
सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि "कांग्रेस जब 2003 में सरकार छोड़कर गई थी. उस समय 21 हजार करोड़ रुपये का बजट था. आज 4 लाख करोड़ रुपये का बजट है. हमने कैग की रिपोर्ट पढ़ी है, जिसमें वो बोल रहे हैं, कि आप जो बजट पारित कर रहे हैं. इसमें आप ब्याज और उसकी अदायकी नहीं कर सकते, लेकिन कर्ज लेकर कर्ज का ब्याज दे रहे हैं. ये जो 4 लाख का बजट ये देते हैं, ये वास्तव में 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये का बजट होता है.
कांग्रेस विधायक का आरोप (ETV Bharat) अभय मिश्रा ने कहा कि इसमें सवा करोड़ रुपये अधिकारी और कर्मचारी लूटपाट करने के लिए डीपीआर की राशि बढ़ा-बढ़ाकर अपनी जरूरतों के अनुसार बढ़ा देते हैं. जैसे अभी 22 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रहे हैं. उसमें 45 प्रतिशत हमारी पूंजी का खर्च है. तो 22 हजार को 45 प्रतिशत 8 हजार करोड़ रुपये के बराबर होता है. मतलब 8 हजार करोड़ रुपये वास्तविक प्राप्त होता है. मतलब इसमें भी 6 हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं."
एक किलो मिठाई और गुलदस्ता के अलावा कुछ नहीं
अभय मिश्रा ने कहा कि "पिछले 10 सालों से इस खेल में जो लोग खेल रहे थे, वो 4 लोग थे, लेकिन आज के समय इस खेल में अकेले राजेंद्र शुक्ला हैं. वो पुल के ठेकेदार हैं. वो इस खेल को अंदर से खेल रहे हैं. बाकी आज के समय कोई और ऐसा नेता नहीं बचा है, जिसे अधिकारी एक किलो मिठाई और गुलदस्ता के अलावा देते हो. अधिकारी बीजेपी के नेताओं को कुछ समझते नहीं, पार्टी इनको इतना दबाव में रखती है, बेचारे कुछ बोल नहीं पाते. ये सत्य कहते हैं तो अधिकारी इन पर लांछन लगा देते हैं, कि ये हमसे कुछ चाह रहा था और पार्टी ऐसे लोग को निकाल दे. अधिकारी तो चाहते ही हैं, कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार आए और खूब कर्ज ले. और इस कर्ज से हम घी पिएं."
हमें वेतन न दें, लेकिन विकार्य कार्य के लिए पैसा दें
भोपाल मध्य विधानसभा से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि "सरकार अल्पसंख्यकों से संबंधित विभागों को बजट नहीं दे रही है. कांग्रेस विधायकों को 15-15 करोड़ रुपये देने की बात हुई थी. इसमें भी कोई अमल नहीं हुआ. यदि सरकार के पास पैसे नहीं है, तो वो हमारे वेतन से कटौती करे, लेकिन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए राशि तो दे. वहीं भोपाल उत्तर से कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने भी मसूद के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के साथ पक्षपात कर रही है."
चुनाव आते ही कर्ज लेती है भाजपा सरकार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघारने कहा कि "भाजपा सरकार चुनाव आते ही कर्ज लेने लगती है. पिछले सत्र में संसदीय कार्य मंत्री ने जलजीवन मिशन में हुए कार्य की एक महीने में जांच कराने को कहा था, लेकिन आज तक जांच नहीं हुई. अनुपूरक बजट में तीर्थ दर्शन योजना समेत अन्य योजनाओं के लिए बजट नहीं है. प्रदेश में आज 5.42 लाख बच्चे कुपोषित हैं, सरकार को इन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए." वहीं उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि "कल हम विधानसभा अध्यक्ष को किसानों की मांग से संबंधित पत्र सौंपेगे."