भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायक वेतन नहीं लेंगे. विकास कार्यों के लिए राशि नहीं मिल पाने के बाद कांग्रेस विधायकों ने एकजुट होकर ये फैसला लिया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि, ''हमने विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से ये अनुरोध किया है कि कांग्रेस विधायकों के वेतन से उनके क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाए.'' सिंघार ने बताया कि, विधायकों के वेतन नहीं लेने के संबंध में जो पत्र है उसे सदन के पटल पर रख दिया गया है.
विधायक अपनी पगार से कराएंगे विकास कार्य
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने ईटीवी भारत से कहा कि, ''कांग्रेस के विधायकों के साथ विकास निधि को लेकर लगातार भेदभाव हो रहा है. एक तरफ बीजेपी के विधायकों को पंद्रह पंद्रह करोड़ विकास कार्यों के लिए दिए जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के विधायकों के साथ विकास निधि देने में भेदभाव किया जा रहा है.'' सिंघार ने कहा कि, ''जनता किसी पार्टी की तो नहीं होती अपनी राजनीति में जनता के हितों की अनदेखी कर रही है सरकार.''
उमंग सिंघार ने की वेतन न लेने की बात (ETV Bharat) उमंग सिंघार ने ईटीवी भारत से कहा कि, ''इसीलिए सभी विधायकों ने ये तय किया है कि अब हम अपना वेतन नहीं लेंगे. और उस वेतन से अपने अपने क्षेत्र में विकास कार्य कराएंगे. हमने सदन के पटल पर भी ये पत्र रख दिया है. अध्यक्ष के माध्यम से ये अनुरोध किया है कि विधायकों के वेतन से उनके इलाके में विकास कार्य करवाए जाएं.''
क्या कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में जनता नहीं रहती
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि, ''बीजेपी विधायकों को तो पैसा दिया जा रहा है. लेकिन कांग्रेस के विधायकों से लगातार भेदभाव हो रहा है. हम चाहते हैं कि क्षेत्र में सड़कें बनें, स्कूल बनें, अन्य विकास के कार्य हो. लेकिन इसके लिए सरकार पैसा नहीं दे रही.'' सरकार बीस प्रतिशत दिए जाने की बात कर रही है, सरकार ये सवाल पूछे जाने पर उमंग सिंघार ने कहा कि, एक क्षेत्र में अगर आपने दो लाख रुपए दे दिए तो उससे होता क्या है. आप एजेंसी के माध्यम से ही पैसा दे रहे हैं. तो फिर दिक्कत कहा हैं.''
''हम तो ये चाहते है कि सरकार हर जनप्रतिनिधि को एक समान नजर से देखे.'' उन्होंने बताया कि इस संबंध में हमने सीएम को भी अवगत कराया था. जब हमारी मांग नहीं मानी गई तो तब हमने वेतन न लेकर संवैधानिक तरीके से जनता की सेवा करने का फैसला लिया.''
विधायकों की कितनी है पगार
मध्यप्रदेश में विधायकों का वेतन 30 हजार रुपए मासिक है. इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र के भत्ते के तौर पर इन्हें 35 हजार रुपए अलग से मिलते हैं. दूरभाष के खर्च के लिए दस हजार रुपए. लेखन सामग्री के साथ पोस्ट के खर्च के तौर पर दस हजार रुपए और पंद्रह हजार रुपए कम्प्यूटर ऑपरेटर और अर्दली के खर्च के लिए दिए जाते हैं. इस हिसाब से ये अलग अलग मद में जो भत्ते मिलते हैं उन्हें जोड़ा जाए तो राशि एक लाख पर बैठती है.