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फलोदी सट्टा बाजार भविष्यवाणी में मध्य प्रदेश की 5 सीटों पर उलटफेर, 24 सीटों पर कांग्रेस बीजेपी में ठनी, देखें डिटेल - MP 5 Seats BJP Vs Congress

लोकसभा चुनाव में बस एक चरण का चुनाव बाकी है. इसके बाद 4 जून को परिणाम बताएंगे कि देश में किसे सत्ता हासिल होती है और कौन विपक्ष का चेहरा बनता है. इससे पहले एमपी में चार चरणों में चुनाव संपन्न होने के बाद कयासों का दौर जारी है. बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने दावे कर रहे हैं. इस बीच फलोदी सट्टा बाजार ने चुनावी बाजार में और गर्माहट ला दी है. पढ़िए क्या इन 5 सीटों पर उलटफेर होगा या बीजेपी का डंका बजेगा.

MP 5 SEATS BJP VS CONGRESS
कांग्रेस करेगी उलटफेर या बीजेपी का बजेगा डंका (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 26, 2024, 7:52 PM IST

Updated : May 26, 2024, 10:25 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश के 4 चरणों में मतदान खत्म होने के बाद से ही अब लोगों को 4 जून का इंतजार है. इस दिन लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित किए जाएंगे. नतीजों को लेकर दोनों ही पार्टियां अपने-अपने दावे करने में जुटी है. बीजेपी जहां सभी 29 सीटें जीतने का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस डबल नंबर पर सीटें जीतने का दावा कर रही है. इस सबके बीच सट्टा बाजार भी गर्म है. फलोदी सट्टा बाजार में बीजेपी के 29 सीट जीतने के दावे को झटका दिया. वैसे बता दें मध्य प्रदेश का मध्य भारत अंचल बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन इनमें आने वाले लोकसभा सीट पर नतीजे चौंका सकते हैं.

प्रदेश के मध्य भारत अंचल में 5 लोकसभा सीटें भोपाल, राजगढ़, विदिशा, होशंगाबाद और बैतूल आती हैं. सवाल है कि क्या इन सीटों पर कांग्रेस बड़ा उलटफेर करने जा रही है. इन पांच सीटों पर बीजेपी का जीत का परचम लहराता रहेगा या फिर कांग्रेस की हार का सूखा खत्म होने जा रहा है. क्या फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी सही निकलेगी?

विदिशा कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा (ETV Bharat)

विदिशा में मामा या दादा ?

विदिशा लोकसभा सीट से इस बार 16 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव लड़ा है. शिवराज की पहचान मामा के रूप में हैं, वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर पीबी शर्मा ने चुनाव लड़ा. जिन्होंने पूर्व में सांसद रहते क्षेत्र में अपनी छवि दादा के रूप में बनाई है. कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा 1980 और 1984 में सांसद रहे हैं. हालांकि इस सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ रही है. रामनाथ गोयंनका, अटल बिहारी वाजपेयी के बाद शिवराज सिंह चौहान 5 बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं. कांग्रेस यहां 1984 के बाद से कभी नहीं जीती. कांग्रेस को इस सीट से चमत्कार की उम्मीद है.

विदिशा बीजेपी प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान (ETV Bharat)

राजगढ़ में दिग्गी से उम्मीदें

कांग्रेस को राजगढ़ लोकसभा सीट पर उलटफेर की सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ा है. उनका मुकाबला दो बार के सांसद रोडमल नागर से है. दोनों ही उम्मीदवारों ने यहां प्रचार में खूब पसीना बहाया है. दिग्विजय सिंह ने चुनाव में इमोशनल कार्ड भी खेला. उन्होंने इस चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बताकर लोगों से वोट मांगे हैं. उधर बीजेपी ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर लोगों का समर्थन मांगा है. वैसे इस सीट पर दिग्विजय सिंह 2 बार और उनके भाई लक्ष्मण सिंह 4 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि यह सीट कांग्रेस की झोली में ही आएगी.

राजगढ़ कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह (ETV Bharat)

बैतूल लोकसभा होगा उलटफेर ?

बैतूल लोकसभा सीट पर बीजेपी के वर्तमान सांसद दुर्गादास उईके और कांग्रेस के रामू टेकाम के बीच मुकाबला है. रामू टेकाम पिछला लोकसभा चुनाव इस सीट से 3 लाख 60 हजार हार गए थे. इस सीट पर उलटफेर करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी कई सभाएं की हैं. उधर बीजेपी ने भी यहां प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में पीएम नरेन्द्र मोदी तक ने चुनाव सभा की है. वैसे इस सीट पर बीजेपी पिछले करीबन 28 सालों से काबिज है.

भोपाल लोकसभा बीजेपी के लिए आसार

भोपाल लोकसभा सीट पर जीत की राह बीजेपी के लिए आसान दिखाई दे रही है. बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व महापौर आलोक शर्मा से कांग्रेस के अरूण श्रीवास्तव से मुकाबला है. कांग्रेस उम्मीदवार के सामने इस सीट पर पहचान का संकट रहा है. भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ रही है. कांग्रेस इस सीट पर आखिरी बार 1984 में जीती थी. हालांकि मजबूत पकड़ होने के बाद भी बीजेपी उम्मीदवार ने यहां खूब मेहनत की है. उनके समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने भी रोड शो किया है.

होशंगाबाद लोकसभा सीट पर कौन किस पर भारी ?

होशंगाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार संजय शर्मा और बीजेपी के दर्शन सिंह चौधरी के बीच मुकाबला है. कांग्रेस उम्मीदवार ने इस बार मुकाबले को बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया है, उनकी लोकसभा की नरसिंहपुर, गाडरवारा, तेंदुखेड़ा उदयपुरा में अच्छी पकड़ है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस लोकसभा में आने वाली सभी 8 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. इनमें संजय शर्मा भी चुनाव हार गए थे. वैसे 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार राव उदय प्रताप इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन बाद में वे बीजेपी में चले गए और अब प्रदेश में मंत्री हैं. देखना होगा इस सीट पर कौन-किस पर भारी पकड़ा है.

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मध्य भारत अंचल की 36 विस सीटें में से 31 पर बीजेपी का कब्जा

मध्य प्रदेश के मध्य भारत अंचल में 8 जिले आते हैं. इसमें भोपाल, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल शामिल हैं. विधानसभा सीटों के हिसाब से देखें तो इन 8 जिलों की 36 विधानसभा सीटें इनमें आती हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इनमें से 31 सीटों पर बीजेपी अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही है. इनमें से सिर्फ 5 सीटों भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य, सिलवानी, हरदा और टिमरनी सीट पर ही कांग्रेस जीत पाई थी. लोकसभा सीटों के हिसाब से देखें तो इस अंचल में भोपाल, राजगढ़, विदिशा, होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीटें आती हैं. इन सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.

फलोदी सट्टा बाजार में बीजेपी को 6-7 सीटों का नुकसान

वैसे आपको बता दें चुनाव के वक्त सुर्खियों में आने वाले फलोदी सट्टा बाजार ने एमपी को लेकर भविष्यवाणी की है. सट्टा बाजार के मुताबिक इस बीजेपी की सीटों में कमी आएगी. साल 2019 में जहां 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. वहीं इस बार 6-7 सीटों पर बीजेपी को नुकसान होना बताया जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव में एमपी में बीजेपी के 29 सीटों पर जीत के दावे को बड़ा झटका लग सकता है. आपको बता दें सट्टा कांग्रेस को एमपी में राजगढ़, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, रतलाम-झाबुआ, मुरैना और ग्वालियर में जीत बता रहा है. बाकि इस भविष्यवाणी में कितनी सच्चाई है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आएंगे, जिसके बाद सारी तस्वीर साफ हो जाएगी.

Last Updated : May 26, 2024, 10:25 PM IST

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