मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन के सामने स्थित नवाब रुस्तम अली खान की संपत्ति पर बनाई गई मस्जिद व अन्य इमारत को केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति विभाग द्वारा जारी आदेश में रेलवे स्टेशन के सामने स्थित मस्जिद और उससे सटी आसपास की दुकानों को शत्रु संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है. आदेश के बाद, इस संपत्ति का नियंत्रण अब सरकार के शत्रु संपत्ति विभाग के अधीन होगा.
1965 या 1971 के भारत पाक युद्ध के समय पाकिस्तान चले गए लोगों की भारत में स्थित संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहते हैं. इसे सरकार अधिग्रहित कर लेती है और इसका उपयोग सार्वजनिक हित में होता है. मुजफ्फरनगर की इस संपत्ति पर निवर्तमान जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा द्वारा छह सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी ने जांच कर इसको निष्कांत संपत्ति घोषित किया था.
शत्रु संपत्ति के बारे में जानकारी देते मुजफ्फरनगर के सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप. (Video Credit; ETV Bharat) संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया की ओर जांच कमेटी को कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखाए गए. इस पर जांच कमेटी द्वारा शत्रु संपत्ति अभिरक्षक लखनऊ से उक्त संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा पत्र भेजा गया. जिस पर लंबी जांच चलने के बाद रेलवे स्टेशन के सामने खसरा नंबर 930 को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है. इस निर्णय को राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संयोजक संजय अरोड़ा और उनकी टीम की कानूनी लड़ाई का परिणाम बताया जा रहा है.
सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि यह एक 930 खसरा नंबर था जो आठ बिस्वा का है. इसमें एक इमारत और चार दुकानें बनी हुई हैं. एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से इसमें जांच कराई गई. जांच करने के बाद शत्रु संपत्ति कार्यालय दिल्ली रिपोर्ट भेजी गई. शत्रु संपत्ति अभिकरण कार्यालय के द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई के उपरांत यह ऑर्डर पारित किया गया.
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