मुरैना: आसमान से आफत बनकर बरस रहे पानी ने अब लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ा दी हैं. हालत ऐसे हैं, कि कंधे पर अर्थी, शमशान घाट जाने वाले रास्ते पर कीचड़ और कीचड़ में घुटनों तक पानी. ऐसा नजारा तब देखने को मिला जब जिले की अम्बाह तहसील के अम्लिहेड़ा गांव में एक वृद्ध महिला जलदेवी तोमर के निधन के बाद परिजन और ग्रामीण इस रास्ते से महिला की शव यात्रा निकालकर ले गए. देखिए यह खास रिपोर्ट.
ग्रामीणों को परेशानियों का करना पड़ रहा सामना
आपको बता दें कि यह तस्वीर मुरैना जिले की अंबाह तहसील क्षेत्र के अम्लिहेड़ा गांव से निकलकर सामने आई है. अम्लिहेड़ा में ग्राम पंचायत द्वारा श्मशान घाट का निर्माण तो करवा दिया गया, लेकिन शमशान घाट तक पहुंचने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं बनवाया गया. जिसके चलते ग्रामीणों को शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं बारिश के मौसम में तो शव यात्रा को खेतों में होकर गुजरना पड़ता है.
ग्रामीण घुटने तक पीने से शव यात्रा निकालने को मजबूर
इन तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में जब गांव में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शव यात्रा को 3 फीट पानी में होकर निकलना पड़ता है. पूरा रास्ता दलदल व कीचड़ से युक्त होता है. ऐसे में लोगों को डर रहता है कि कहीं फिसल कर अर्थी न गिर जाए. इसको ध्यान में रखते हुए लोग अर्थी के चारों तरफ से सहारा लेते हुए चलते हैं. हालांकि शव यात्रा में शामिल लोग कई बार फिसल कर गिर भी पड़ते हैं. जिससे उनको चोट भी लग जाती है.