मुरैना। कैलारस तहसील से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित ठाठीपुरा गांव में अचानक एक के बाद एक 20 से अधिक ग्रामीणों में उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत सामने आई है. ग्रामीणों के बीमार होने का सिलसिला रविवार की रात से शुरू हुआ. शुरुआत में तो 2-3 लोगों को परेशानी हुई, लेकिन सोमवार को धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी. इसकी सूचना जब स्वास्थ्य विभाग को दी गई तो स्वास्थ्य विभाग की टीम सोमवार की शाम गांव में पहुंची और बीमार मरीजों को उप स्वास्थ्य केंद्र ठाठीपुरा में इलाज के लिए भेजा.
दूषित पानी पीने से हुए बीमार
ठाठीपुरा गांव में ग्रामीण पीने के पानी के लिए एक कुएं पर निर्भर हैं, जो कि अब सूख चुका है. बताया जा रहा है कि ग्रामीण 3 किमी से भी अधिक दूरी पर स्थित कोटसिरथरा से पाइप लाइन के जरिए सूखे कुएं में पानी स्टोरेज करते हैं. इसके बाद इस कुएं से फिर पाइप लाइन के जरिए पानी को घरों तक ले जाते हैं. अब बारिश होने के बाद आशंका जताई जा रही है कि कुएं के दूषित पानी पीने से ही ग्रामीण बीमार हुए हैं.
करोड़ों की पानी की टंकी पड़ी है बंद
ग्रामीणों ने बताया कि ठाठीपुरा गांव में डेढ़ करोड़ की लागत से बनी पानी की टंकी बंद पड़ी है. इसको लेकर कुछ दिन पहले पानी की टंकी के पाइप लाइन को उखाड़कर ले जाने का मामला सामने आया था, जिसका आरोप ठेकेदार पर लगाया गया था. वहीं, पीएचई विभाग के अधिकारियों ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि वहां पानी के जल स्त्रोत चालू हैं और ग्रामीणों को पानी के लिए किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है.
कुएं के पानी की होगी जांच
इस मामले में सीएमएसओ डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि "कैलारस के ठाठीपुरा गांव का मामला आया है, वहां कुछ लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत आई है. हमने एएनएम कार्यकर्ता को गांव में जांच के लिए भेजा है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंच गई है. उसके बाद बीएमओ को भेजने के निर्देश दिए हैं. ग्रामीण कुएं का पानी पी रहे थे, चूंकि बारिश में कुए का पानी दूषित हो जाता है, इसलिए हमने कुएं के पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं."