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कोलकाता के कलाकार मुरैना में बना रहे हैं गणेश प्रतिमा, ऑर्डर के लिए लगी लोगों की लाइनें - Morena Ganesh Chaturthi 2024

7 सितंबर को गणेश चतुर्थी के साथ इस दिन से गणेश उत्सव प्रारंभ हो जाएगा. इसको लेकर लगातार मूर्तिकारों के द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. इसी तरह मुरैना में भी हर बार की तरह कोलकाता के कलाकारों द्वारा मूर्तियां बनाई जा रही हैं.

PREPARATIONS FOR GANESH CHATURTHI
मुरैना में कोलकाता के कलाकार बना रहे हैं मूर्तियां (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 6, 2024, 6:10 PM IST

मुरैना: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से कुछ समय पहले मुरैना पहुंचे कारीगरों के द्वारा शहर के बड़ोखर इलाके में भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. मिट्टी की प्रतिमा बनने से नदियां भी प्रदूषित होने से बचेंगी और वातावरण भी स्वच्छ रहेगा. 7 सितंबर से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है, जिसके लिए मूर्तिकार मिट्टी से बनाई गई प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने के लिए जोरों से लगे हुए हैं.

कोलकाता के कलाकार मुरैना में बना रहे हैं गणेश प्रतिमा (ETV Bharat)

मुरैना में कोलकाता के कलाकार बना रहे हैं मूर्तियां

पूरे देश के साथ मुरैना जिले में गणेश महोत्सव शनिवार से आरंभ होने जा रहा है, जिसको लेकर युवा वर्ग में खासा उत्साह देखा जा रहा है. मुरैना में गणेश उत्सव को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. जगह-जगह गणेश पंडाल भी सज चुके हैं. शहर के बड़ोखर इलाके में रहने वाले मूर्तिकार बासू राठौर ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति बनाने का काम 12 साल पहले 2012 में शुरू किया था. बासू हर साल कोलकाता से मूर्तिकारों को यहां बुलाते हैं और उनके सहयोग से मिट्टी की प्रतिमाएं बनाते हैं. कोलकाता से आए विशेष कलाकार इन प्रतिमाओं को अब अंतिम रूप दे रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक लोगों की पहली पसंद मिट्टी के बने भगवान गणेश हैं और लोग मिट्टी की प्रतिमा खरीदना ही ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

मुरैना में की जा रही है गणेश चतुर्थी की तैयारी (ETV Bharat)

मिट्टी से बनाई जा रही हैं गणेश प्रतिमा

कोलकाता से आए आधा दर्जन से अधिक कलाकार मिट्टी, बांस, घास, सूतली, लकड़ी और कच्चे कलर का उपयोग कर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा बना रहे हैं. ताकि नदी में विसर्जन के दौरान पानी में मिट्टी आराम से घुल जाए और कलर से पानी प्रदूषित न हो. इन मिट्टी की प्रतिमाओं को एक महीने पहले से बनाना शुरू कर दिया था. पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंध के बाद बासु राठौर ने कोलकाता से मूर्तिकार बुलाकर मूर्ति बनवाना शुरू किया था. मूर्तिकार का कहना है कि ''पहले साल केवल 7 मूर्तियों के ऑर्डर मिले थे, लेकिन धीरे-धीरे काम बढ़ता गया और इस साल करीब 150 से 200 के बीच मूर्तियों के ऑर्डर मिले हैं. हमारे द्वारा बनाई गई मिट्टी की प्रतिमाएं श्योपुर, आगरा, अम्बाह,पोरसा, सबलगढ़, कैलारस भिंड जिले के गोरमी और राजस्थान के धौलपुर तक जाती हैं.''

मिट्टी से बनाई जा रही हैं गणेश प्रतिमा (ETV Bharat)

गणेश महोत्सव की तैयारी

वहीं मूर्ति खरीददारों का कहना है कि ''जबसे प्रशासन ने पीओपी की मूर्तियों पर रोक लगाई है, तब से मिट्टी से बने गणेश जी की मूर्तियां खरीद रहे हैं. मुरैना शहर के बैरियर चौराहा मेला ग्राउंड के सामने व फाटक बाहर इलाके में छोटी से लेकर बड़ी गणेश प्रतिमा की दुकानें सजी हुई हैं और अभी से प्रतिमाओं की बुकिंग आरंभ हो चुकी है. तमाम प्रकार की गणेश प्रतिमाएं कलाकार बनाकर लाए हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रही हैं.'' शनिवार से गणेश महोत्सव आरंभ होने जा रहा है और एक सप्ताह तक जिले भर में गणेश वंदना के साथ-साथ विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी. जगह-जगह प्रतिमाएं स्थापित कर पंडाल सजाए जा रहे हैं.

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30 हजार तक की मिल रही हैं मूर्तियां

प्रतिमा स्थापित करने के लिए गली मोहल्ले में युवाओं द्वारा 15 दिन पहले से ही लोगों से सहयोग प्राप्त कर गणेश महोत्सव की तैयारी की जा रही थी. यहां 200 रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक की प्रतिमाएं दुकानदार लेकर आए हैं और शहर में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करने वाले मंडल एक से एक श्रेष्ठ प्रतिमाएं खरीदने में लगे हुए हैं. गणेश महोत्सव के चलते बाजारों में चहल पहल बढ़ रही है और दुकानदारों के चेहरे खिले हुए हैं. इधर गणेश महोत्सव के आते ही फूल मालाओं की क्राइसिस के साथ-साथ उनके दाम भी बढ़ने लगे हैं.

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