बड़ा मंगलवार पर विशाल भंडारा (video Credit ETV Bharat) लखनऊ: राजधानी लखनऊ में जेष्ठ महीने के तीसरे बड़े मंगल के दिन सारे हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई. मंदिरों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखी गई. मंदिरों की विशेष साज सज्जा की गई. शहर में करीब दो हजार स्थानों पर भंडारे का आयोजन किया गया. कोई पूड़ी-सब्जी, लस्सी, आमरस तो कहीं फल-फ्रूटी, रुआबजा का वितरण किया गया. सबसे ज्यादा भक्त अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर और हनुमान सेतु पर पहुंचे हैं. मंगलवार को ट्रैफिक दबाव ज्यादा हो जाता है. क्योंकि, सड़कों पर भंडारे चलते हैं. इसलिए लखनऊ ट्रैफिक पुलिस ने जाम से बचने के लिए रूट डायवर्जन लागू किया. यह डायवर्जन पुराना हनुमान मंदिर और हनुमान सेतु के आस-पास किया गया.
हजरतगंज हनुमान मंदिर के भंडारे में योगी सरकार के आठ मंत्री और चीफ सेक्रेटरी भी पहुंचे. इस दौरान मंत्रियों ने आम जनता को प्रसाद वितरित किया और खुद भी प्रसाद ग्रहण किया. भंडारे में मंत्री नंद गोपाल नंदी, रजनी तिवारी, सूर्य प्रताप शाही, राकेश सचान, एके शर्मा, अनिल राजभर और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर ने लोगों को प्रसाद बांटा.
नंद गोपाल नंदी ने कहा कि, आज का दिन बहुत शुभ है. बड़े मंगल के दिन जो कामना की जाती है, वह पूरी होती है. शहर में बहुत ही धूमधाम के साथ बड़ा मंगलवार मनाया जाता है. आज के दिन कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहता है. शहर में करीब दो हजार से अधिक ही भंडारी आयोजित किए गए.
कैसरबाग में विशाल भंडारा आयोजित किया गया. आयोजकों ने बातचीत के दौरान कहा कि, लखनऊ में बड़ा मंगलवार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. बड़ा मंगलवार के दिन कोई भी व्यक्ति भूख नहीं रहता है. इस दिन इतने भंडारे आयोजित होते हैं कि जिसकी गिनती करना संभव नहीं है. हर व्यक्ति अपने स्तर से भंडारे का आयोजन करता है.
प्रसाद ग्रहण कर रहे रविकांत तिवारी ने कहा कि, आज के दिन कोई भी व्यक्ति हो वह भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने जरूर आता है. यह बड़ी ही सौभाग्य की बात होती है कि, किसी को बड़ा मंगलवार का प्रसाद ग्रहण करने का मौका मिले.
आम लोगों ने कहा कि, मान्यता ऐसी है कि बड़ा मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करने से संकट टलते हैं. इस दिन और हनुमान मंदिरों से हिंदू और मुस्लिम, दोनों की आस्थाएं जुड़ी हुईं हैं. पुराना हनुमान मंदिर की स्थापना को लेकर कई मत भी हैं. मंदिर रामायण काल से स्थापित था. मगर, अवध के नवाब मुहम्मद अली शाह की बेगम आलिया ने इसका जीर्णोद्धार कराया था. उन्होंने इसके शिखर पर चांदी का कलश चढ़ाया था. इसके बाद ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को खास आयोजन बनाए जाने लगे.
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