अलवर. जिले में पुराने वाहनों को स्क्रैप कर रखने के लिए यार्ड की जगह उपलब्ध नहीं होने से करीब 8 महीने पहले एनसीआर व अलवर में लागू स्क्रैप पॉलिसी पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर पा रही है. जिले में परिवहन विभाग के पास स्क्रैप वाहनों को रखने की जगह नहीं होने के कारण अवधि पार हो चुके 3 लाख 74 हजार 700 वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं. मजबूरी में परिवहन विभाग को अवधि पार हो चुके पुराने वाहनों का चालान काटने की कार्रवाई कर इतिश्री करनी पड़ रही है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी की ओर से एनसीआर क्षेत्र में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़क से हटाने के आदेश जारी किए गए थे. एनसीआर में शामिल अलवर जिले में करीब 10 लाख 36 हजार 392 वाहन रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 1 लाख 39 हजार 936 डीजल व 2 लाख 34 हजार 764 पेट्रोल वाहनों को फेज आउट कर दिया गया है. इस तरह कुल 3 लाख 74 हजार 700 वाहन अलवर जिले से फेज आउट हो चुके हैं. इन सभी वाहनों को स्क्रैप किया जाना है.
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जिला परिवहन अधिकारी सतीश कुमार का कहना है कि अलवर में स्क्रैप के लिए यार्ड नहीं हैं. पुलिस थानों में भी बहुत कम जगह है. ऐसे में फेज आउट हुए वाहनों को जुर्माना लगाकर ही छोड़ना पड़ता है. परिवहन विभाग ने 30 वाहनों को ही सीज किया था. जबकि फेज आउट हो चुके वाहनों को सड़कों से हटाना जरूरी है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या इन वाहनों को रखने की है. यार्ड के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग की ओर से मुख्यालय को पत्र लिखा जा चुका है. अभी प्रदेश में जयपुर जिले में फिलहाल दो यार्ड हैं. अलवर में जैसे ही यार्ड के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी, वाहनों की जब्ती की कार्रवाई शुरू कर देंगे.