श्रीनगर: पौड़ी जिले में एक तरफ आपराधिक घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जिले का पुलिस विभाग इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. ये हाल तब हैं, जब जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगी हुई है. ऐसे में कानून व्यवस्था को बनाये रखना, पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
पौड़ी में पुलिस अधिकारियों की कमी: पौड़ी जिले में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी पुलिस विभाग की सरदर्दी बढ़ा रही है. जिले में पुलिस उपाधीक्षक (Deputy Superintendent of Police) के चार पद हैं. पुलिस उपाधीक्षकों के हाल ही में हुए ट्रांसफर के कारण जिले में अब सिर्फ एक पुलिस उपाधीक्षक है. वो भी फिलहाल मातृत्व अवकाश पर हैं. ऐसे में पूरा जिला बगैर सीओ के ही चल रहा है.
बड़ी संख्या में कर्मचारी भी हैं कम: इसके साथ ही जिले में इंस्पेक्टर के 4 और एसआई के 17, एसएसआई और कांस्टेबल के 189 पद खाली हैं. इससे कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जिले में कई दफा लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन बिगड़ी है, जिसे संभाल पाना पुलिस के लिए कड़ी चुनौती बना. अब जबकि जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगती है, ऐसे में पुलिस अधिकारी कर्मचारियों का टोटा कानून व्यवस्था को बिगाड़ रहा है. पूरे जिले में अब भी 50 से अधिक आपराधिक केस पेंडिंग हैं. वहीं पुलिस बल की भारी कमी से सेवारत कर्मचारियों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है.